भारतीय संविधान का योगदान विषय पर चर्चा
वर्धा दि.१- महात्मा गांधी अंतरराष्ट्रीय हिंदी विश्वविद्यालय के डॉ. बाबासाहेब अंबेडकर-सिदो-कान्हू–मुर्मू दलित एवं जनजातीय अध्ययन केंद्र में 26 नवम्बर को ‘संविधान दिवस’ मनाया गया इस अवसर पर ”दलित एवं आदिवासी समुदाय के सशक्तिकरण में 70 वर्ष के भारतीय संविधान का योगदान” विषय पर चर्चा का आयोजन किया गया। कार्यक्रम के प्रारम्भ में केंद्र निदेशक व कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे प्रोफेसर एल. कारूण्यकरा द्वारा भारत के संविधान की उद्देशिका का वाचन किया गया। प्रोफेसर एल. कारूण्यकरा ने कहा कि अनुच्छेद 15 के अन्तर्गत धर्म, जाति, लिंग, प्रांत के आधार पर भेदभाव को समाप्त किया गया और अनुच्छेद 17 के अन्तर्गत अस्पृश्यता का अंत किया गया. अनुच्छेद 46 के अंतर्गत दलित एवं जनजातियों को शिक्षित होने तथा आर्थिक विकास करने का अधिकार देता हैं. अनुच्छेद 330, 332 के अन्तर्गत राजनितिक आरक्षण दिया गया, अनुच्छेद 335 के अन्तर्गत नौकरी में आरक्षण दिया गया, अनुच्छेद 340 के अन्तर्गत, अन्य पिछडा वर्गो के लिए आयोग की नियुक्ति एवं आरक्षण का प्रावधान किया गया है. उन्होंने कहा कि धर्मनिरपेक्ष एवं समतामूलक राष्ट्र के निर्माण के उद्देश्य के लिए डॉ. बाबासाहेब अम्बेडकर ने भारतीय संविधान का निर्माण किया.
केंद्र के शिक्षक डॉ. किरन नामदेव कुंभरे एवं शोधार्थी, छात्रों ने चर्चा में भाग लिया व अपने-अपने विचार व्यक्त किए. कार्यक्रम के संयोजक सहायक प्रोफेसर डॉ. राकेश सिंह फकलियाल ने कार्यक्रम का संचालन किया.