विदर्भ

संघ में भाजपाध्यक्ष नड्डा को लेकर नाराजी

पदाधिकारियों ने कामों की सूची ही पेश की

* नड्डा ने भाजपा को संघ से अलग बताया था
नागपुर/दि.22– कुछ दिनों पूर्व भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जे.पी. नड्डा ने मीडिया को दिए इंटरव्ह्यू में कहा था कि, भारतीय जनता पार्टी पहले की तुलना में काफी हद तक बदल गई है और अब राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ पर बिलकुल भी निर्भर नहीं है. इस बयान को लेकर संघ के सर्वसामान्य स्वयंसेवको में नाराजगी देखी जा रही है. लेकिन संघ के किसी भी पदाधिकारी ने इस पर अपनी कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है. बल्कि संघ पदाधिकारियों के कोअर ग्रुप में ‘पॉईंट टू बी नोटेड’ इतना ही कहा गया है. वहीं संघ का 50 वर्ष से अधिक समय से बेहद नजदिकी के साथ अध्ययन करनेवाले अभ्यासकों का इस मामले में कहना रहा कि, संघ किसी भी बात पर तुरंत अपनी प्रतिक्रिया नहीं देता और योग्य समय आने पर सामनेवाले को उसकी जगह बताए बिना भी नहीं रहता.

उल्लेखनीय है कि, सन 2025 राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ का शताब्दी वर्ष है. भाजपा यह संघ की राजनीतिक शाखा है. परंतु पार्टी के दैनंदिन काम में संघ का हस्तक्षेप नहीं रहता. परंतु श्यामाप्रसाद मुखर्जी, अटलबिहारी वाजपेयी, लालकृष्ण अडवानी, नरेंद्र मोदी व अमित शाह जैसे भाजपा के तमाम बडे नेता मूलत: संघ से ही निकलकर भाजपा में आए है. ऐसा रहने के बावजूद नड्डा द्वारा अब भाजपा के ‘आत्मनिर्भर’ हो जाने के संदर्भ में किया गया दावा संघ को पसंद नहीं आया है. जिसके चलते संघ के कोअर ग्रुप में इस बयान को लेकर नाराजगी जताई गई है. वहीं दूसरी ओर नड्डा के बयान को लेकर भाजपा के अन्य नेताओं ने बेहद सतर्क भूमिका अपनाई है और मीडिया द्वारा नड्डा के बयान को तोडमरोडकर पेश किए जाने की बात कहते हुए पूरा ठिकरा मीडिया के सिर पर फोडने का प्रयास किया जा रहा है.

इस संदर्भ में संघ के वरिष्ठ पदाधिकारियों की प्रतिक्रिया जानने का प्रयास करने पर संघ के किसी भी पदाधिकारी ने इस बारे में बात करने से इंकार कर दिया. परंतु एक पदाधिकारी ने संघ द्वारा भाजपा के लिए मतदान बढाने हेतु अब तक कहां पर क्या कुछ किया गया, इसकी जानकारी पेश करते हुए नड्डा के दावे में कोई तथ्य नहीं रहने की बात कही.

* सावरकर द्वारा जताई गई आशंका साबित हो रही सही
ख्यातनाम राजनीतिक अभ्यासक प्रा. सुरेश द्वादशीवार ने नड्डा के बयान को ‘पितृद्रोह’ करार देते हुए कहा कि, स्वातंत्र्यवीर सावरकर ने संघ के द्वितीय सरसंघचालक गोलवलकर गुरुजी से कहा था कि, संघ द्वारा अपनी कोई राजनीतिक शाखा या राजनीतिक दल का गठन न किया जाए. क्योंकि, ऐसा करने पर उस राजनीतिक दल में शामिल रहनेवाले लोग अपने साथ जनमत को संगठित करते हुए बलाढ्य होने के बाद मूल संगठन के नियंत्रण में नहीं रहेंगे. द्वादशीवार के मुताबिक स्वातंत्र्यवीर सावरकर द्वारा जताई गई आशंका अब सही साबित होती दिखाई दे रही है.

* संघ ने भाजपा के लिए क्या किया, पदाधिकारियों ने दी रिपोर्ट
– लोकसभा चुनाव घोषित होने से पहले ही संघ ने बुथस्तरीय बैठकों व कार्यक्रमों के जरिए भाजपा के पक्ष में मतदान बढाने हेतु अभियान चलाया.
– चुनाव घोषित होने के बाद संघ ने उत्तरप्रदेश के अलग-अलग बुथ पर 2.88 लाख मतदान जागृति सभाएं ली. साथ ही दिल्ली प्रांत (प्रशासकीय क्षेत्र) में 44 हजार, मुंबई में 50 हजार व नागपुर में 9 हजार सभाएं व बैठके ली गई.
– महाराष्ट्र में शिंदे गुट वाली शिवसेना, बिहार में जदयू व आंध्रप्रदेश में तेलगू देशम के प्रत्याशियों के निर्वाचन क्षेत्रों में भी संघ के स्वयंसेवक एनडीए के पक्ष में मतदान बढाने हेतु काम पर लगे हुए थे.
– पहले चरण के तहत विदर्भ सहित अन्य राज्यो में मतदान का प्रमाण कम रहने की बात सामने आते ही दूसरे चरण का मतदान का प्रतिशत बढाने हेतु संघ के स्वयंसेवको ने काम किया, ऐसा दावा भी संघ के पदाधिकारियों द्वारा किया गया.
– राम मंदिर की प्रतिष्ठापन का पूरा श्रेय पीएम मोदी व भाजपा द्वारा लिया गया. लेकिन मंदिर की नीव रखनेवाले मोरोपंत इंगले व अशोक सिंघल का कहीं पर कोई उल्लेख नहीं किया गया. इसे लेकर भी संघ में भाजपा के लिए नाराजी है.

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