विदर्भ

भूख से व्याकूल मांगते हैं भीख वहीं होटल से हर दिन 15 टन अनाज की बर्बादी!

वेदनादायी सच्चाई : अनाज की भीख मांगने वालों की संख्या में बढोतरी

नागपुर/दि.13– शहर के चौराहों पर, मंदिर, दरगाह, मस्जिद के सामने भीख मांगनेवालों की संख्या बढी दिखाई देती है. वहीं दूसरी तरफ शहर के होटल से बचा हुआ और झूठा 15 टन अनाज कचरे में हर दिन फेंकना पडता है. घनकचरा व्यवस्थापन विभाग की तरफ से हर दिन सुबह होटल से अनाज इकट्ठा किया जाता है, जो कचरे में डाला जाता है, उससे यह वेदनादायी सच्चाई सामने आई है.

मनपा के स्वास्थ्य विभाग की कचरा गाडी हर दिन सुबह शहर के होटल का कचरा इकट्ठा करने के लिए निकलती है. उनके पास होने वाले अनाज में झूठी रोटी, चावल और अलग-अलग तरीके की बिर्यानी के ढेर, ग्राहकों व्दारा थाली में छोड दिया गया मांसाहार और शाकाहारी सब्जी, प्याज, नींबू, मूली, बीट और गाजर के टूकडे कचरे में दिखाई देते हैं. वहीं दूसरी तरफ शहर में चक्कर काटने पर वेदनादायी चित्र भी देखने मिलता है. अनेक स्थानों पर अलग-अलग कारणों से अनेक लोग एक समय के अनाज को भी तरस रहे हैं. भूखे पेट भीख मांगने वालों की संख्या भी कम नहीं है. गरिबों की बस्तियों में अनेक परिवार पेट भरने के लिए भी तडप रहे हैं. वहीं दूसरी तरफ शहर में हर दिन अनेक टन अनाज की बर्बादी होती दिखाई देती है.

* नागपुर शहर में 500 से अधिक होटल
शहर में पंजीकृत होटल की संख्या 500 से अधिक है. होटल के अलावा विशेष भोजन के लिए विख्यात रहे 100 से अधिक निजी भोजनालय भी है. इसके अलावा सडकों पर दिखने वाली छोटी-बडी होटल अलग ही है. भोजन बाबत नागपुर की खुद की एक विशेषता है. इन होटल और भोजनालय से हर दिन एक से डेढ लाख से अधिक लोग भोजन करते हैं. उतनी ही बडी मात्रा में अनाज की बर्बादी होती है. कचरा डिपो की तरफ जानेवाले अनाज के कचरे के ट्रक देखने के बाद संवदेनशील इंसान का दिल सहमे बिना नहीं रह सकता.

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