विदर्भ

३५ हजार परिवारों को किया राशनकार्ड का वितरण

नागपुर प्रतिनिधि/दि.२२ – कई बेरोजगार नागरिक (Unemployed citizen) रोजगार की तलाश में नागपुर में आए थे. इसी शहर को वह अपना घर समझकर रहने लगे. किंतु उनके पास कोई भी सबूत तौर पर दस्तावेज न रहने से शासन की योजना का उनको लाभ नहीं मिलता था. राशनकार्ड न होने से शासन की ओर से दिया जानेवाला नि:शुल्क अनाज भी उन्हें नहीं मिलता था. आखिर यह हजारोंं विस्थापित शासन की योजना की छत्रछाया में आने से उन्हें राशनकार्ड भी वितरित किया गया हैे. मीडिया ने समय-समय पर यह विषय रखा.
प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना अंतर्गत सार्वजनिक वितरण व्यवस्था के पात्र लाभार्थियोंं को चावल नि:शुल्क दिया गया है. १ अप्रैल से अनाज वितरण की शुरूआत हुई. कुछ जगहों पर अनाज (पीओएस)मशीन पर न आने से वहां पर विलंब हुआ लेकिन देरी से ही मिला पर अनाज मिला. किंतु जिनके पास राशन कार्ड नहीं है उन्हे अनाज न मिलने से उन पर भूखमरी की नौबत आ गई थी. मीडिया ने यह विषय समय-समय पर प्रकाशित किया. मुंबई उच्च न्यायालय की नागपुर खंडपीठ ने इस बात की दखल ली. आखिर शासन ने राशनकार्ड नही रहनेवालों को भी अनाज देने का निर्णय लिया. केन्द्र सरकार की ओर से राज्य को और राज्य की ओर से जिले को अनाज वितरित होने लगा. अभी तक २४९ मैट्रिक टन चावल नि:शुल्क दिया गया. प्रति व्यक्ति ५ किलो चावल वितरित किया गया. जुलाई और अगस्त का अनाज अभी नहीं आया है लेकिन वह जल्द ही मिलेगा, ऐसा जिला आपूर्ति कार्यालय की ओर से बताया गया है.

रेशनकार्ड के कारण मिली राहत
रेशनकार्ड न रहनेवाले गरीबों को भी अनाज दिया जा रहा है. किंतु जिलाधिकारी रविन्द्र ठाकरे के मार्गदर्शन में जिला आपूर्ति अधिकारी भास्कर तायडे, अन्न धान्य पुरवठा अधिकारी अनिल सवई, नायब तहसीलदार प्रशांत शेंडे आदि अधिकारियोंं ने पहल कर राशनकार्ड न रहनेवालो को राशनकार्ड बनाकर दिया. यह मामला उच्च न्यायालय में रहते हुए ग्रामीण में १० हजार ५०२ राशनकार्ड निकाले गये. सर्वेक्षण के बाद ७ हजार २४४ लोगों को वह दिया गया. शहर में १७ हजार २२७ लोगों को मिला हैे अभी तक कुल ३४ हजार ९७३ लोगों को राशनकार्ड मिलने से यह वर्ग शासन की योजना की छत्रछाया में आ गया हैे.

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