डीएमईआर का विभागीय कार्यालय नागपुर में!
वैद्यकीय महाविद्यालय के विकास के साथ ही गुणवत्ता बढ़ाने में मदद
नागपुर/दि.9 – वैद्यकीय शिक्षण व संशोधन संचालनालय के (डीएमईआर) सक्षमीकरण के लिए राज्य में दो स्थानों पर विभागीय कार्यालय शुरु करने मंजूरी मिली है. इनमें से एक कार्यालय नागपुर में तो दूसरा औरंगाबाद में होगा. इसे डीएमईआर के संचालक डॉ. दिलीप म्हैसेकर ने अनुमति दी.
राज्य में 19 शासकीय महाविद्यालय व अस्पताल कार्यरत है. यहां की प्रवेश क्षमता बढ़ी है. वहीं विद्यार्थियों के साथ ही शिक्षक, कर्मचारी व रुग्णसेवा के संदर्भ के अनेक प्रश्न हल नहीं हो पा रहे हैं. इस पर अनेकक महाविद्यालयों के अधिष्ठाताओं का कार्यभार अतिरिक्त है, इस कारण छोटी-छोटी बातों के लिए डीएमईआर की तरफ उंगली दिखाई जाने से प्रलंबित मामले बढ़ते जा रहे है. राज्य में राज्य में दो स्थानों पर विभागीय कार्यालय शुरु होने पर काम का विभाजन होकर समस्या तुरंत हल करने में मदद मिलेगी. इसका लाभ महाविद्यालयों के विकास के साथ ही रुग्णसेवा की गुणवत्ता बढ़ाने में भी होने से बुधवार को मंत्रिमंडल की बैठक में विभागीय कार्यालयों को मान्यता दी गई.
अब वैद्यकीय शिक्षा विभाग में भी आयुक्त
स्वास्थ्य विभाग समान अब वैद्यकीय शिक्षा विभाग में भी आयुक्त पद को मान्यता मिली है. इस पद पर वीरेन्द्र सिंह की नियुक्ति की गई. सिंह को दो विभागीय कार्यालयों के स्थापन करने से वहां का पद भरने की व कामकाज की जिम्मेदारी रहेगी.
मेडिकल में रहेगा नागपुर का विभागीय कार्यालय
सूत्रों के अनुसार राज्य के दो विभागीय कार्यालयों में से एक कार्यालय नागपुर के शासकीय वैद्यकीय महाविद्यालय व रुग्णालय (मेडिकल) में होगा. इस कारण विदर्भ के मेडिकल कॉलेज की समस्या हल होने की संभावना बढ़ी है.
विभागीय कार्यालय के लिए पद भरे जाएंगे
राज्य में डीएमईआर को दो विभागीय कार्यालय शुरु करने के लिए 22 नियमित पद निर्माण करने की अनुमति दी गई है. 6 डाटा एंट्री ऑपरेटर व लिपिक की सेवा बाह्य यंत्रणा व्दारा लिए जाने की सूचना दी गई है. इन पदों के वेतन के लिए 2 करोड़ 9 लाख 46 हजार 448 रुपए वार्षिक खर्च के लिए एवं दो कार्यालयों के लिए 20 लाख रुपए खर्च को मंजूरी प्रदान की गई है.