विदर्भ

आर्वी में मिली खोपडियों व हड्डियों की हो रही डीएनए जांच

रिपोर्ट मिलने तक पुलिस संभाल रही जांच का जिम्मा, स्वास्थ्य विभाग द्बारा जांच में अजब उदासिनता, पुलिस महकमें के पत्र की अनदेखी, चार दिन बाद भी नहीं दर्ज करायी शिकायत

वर्धा दि.18 – विगत दिनों आर्वी शहर में उजागर हुए अवैध गर्भपात मामले में अब तक स्वास्थ्य विभाग की ओर से कोई विस्तृत रिपोर्ट दर्ज नहीं हुई है. ऐसे में पुलिस द्बारा केवल अपने पास दर्ज मामले की ही जांच पडताल की जा रही है और मामले से जुडे तारों को खंगाला जा रहा है. इसके तहत पुलिस द्बारा अल्पवयीन पीडिता सहित नाबालिक आरोपी और अस्पताल परिसर में मिले इंसानी अवशेषों की डीएनए जांच करायी जा रही है. किंतु करीब पांच दिन की अवधि बीत जाने के बाद भी पुलिस व अब तक डीएनए रिपोर्ट नहीं मिली है. इसके वजह से पुलिस की जांच एक ही जगह पर रुकी हुई है. वहीं स्वास्थ्य महकमें द्बारा इस मामले में कोई विशेष तेजी नहीं दिखाई दे रही. इस संदर्भ में पुलिस द्बारा करीब 4-5 दिन पहले पत्र दिये जाने के बावजूद स्वास्थ्य महकमें द्बारा सरकारी दवाईयों की हेराफेरी तथा सार्वजनिक स्वास्थ्य नियमों के उल्लंघन को लेकर अब तक कोई शिकायत दर्ज नहीं कराई गई है. जिसे लेकर काफी हैरत जताई जा रही है.
बता दें कि, आर्वी शहर निवासी डॉ. रेखा कदम द्बारा अपने अस्पताल में एक अल्पवयीन व 13 वर्षीय लडकी का गर्भपात कराया गया था. यह अल्पवयीन लडकी अपने परिचय में ही रहने वाले नाबालिग लडके द्बारा दुराचार किये जाने की वजह से गर्भवती हुई थी और इस नाबालिग लडके के माता-पिता ने अल्पवयीन लडकी व उसके परिजनों को पैसों का लालच दिखाते हुए उस अल्पवयीन लडकी का डॉ. रेखा कदम के अस्पताल में गर्भपात करवाया था. किंतु बाद में यह मामला पुलिस तक जा पहुंचा और पुलिस द्बारा की गई जांच पडताल में ऐसे-ऐसे सनसनीखेज तत्व सामने आये. जिससे पूरे परिसर में जबर्दस्त हडकंप मच गया. पुलिस ने डॉ. रेखा कदम के अस्पताल के पीछे स्थित बायोगैस प्लांट के गड्ढे से 11 इंसानी खोपडियां व 54 हड्डियां बरामद हुई थी. तथा बाद में अस्पताल परिसर में की गई खुदाई के दौरान एक और इंसानी खोपडी बरामद होने के साथ ही गर्भाशय की थैली जैसे मानवीय अंग भी बरामद किये गये थे. इसके अलावा डॉ. कदम के अस्पताल से हिरण की खाल सहित बडे पैमाने पर सरकारी दवाईयों व इंजेक्शनों का जखीरा भी बरामद हुआ था. ऐसे में यह मामला पुलिस सहित सार्वजनिक स्वास्थ्य तथा वनविभाग से भी जुड गया. किंतु अब तक स्वास्थ्य महकमें द्बारा इस मामले में तेजी के साथ कोई जांच या कार्रवाई नहीं की गई है. वहीं डीएनए रिपोर्ट का इंतजार कर रही पुलिस फिलहाल हवा में हात-पैर मार रही है.
फिलहाल इस मामले में डॉ. रेखा कदम सहित उनके पति डॉ. निरज कदम, सांस डॉ. ज्योत्स्ना कदम तथा अस्पताल की दो परिचारिकाओं एवं दुराचार करने वाले नाबालिग लडके के माता-पिता को पुलिस द्बारा हिरासत में लिया गया. इस मामले में सर्वाधिक हैरत इस बात को लेकर जताई जा रही है कि, डॉ. कदम अस्पताल से कालबाह्य हो चुकी करीब 72 हजार दवा गोलियां बरामद हुई है. साथ ही सरकारी अस्पतालों में प्रसुति हेतु प्रयुक्त किये जाने वाले इंजेक्शन भी बडे पैमाने पर कदम अस्पताल से मिले. किंतु स्वास्थ्य महकमें द्बारा अब तक इस बात की जांच शुरु नहीं की गई है. आखिर किस सरकारी अस्पताल से दवाईओं का स्टॉक गायब करते हुए कदम अस्पताल में भेजा जा रहा था. वहीं स्वास्थ्य महकमें ने अपने स्टॉक की चोरी को लेकर भी पुलिस में अब तक कोई रिपोर्ट दर्ज नहीं करायी है. जिससे स्वास्थ्य महकमें की भूमिका को लेकर कुछ हद तक आश्चर्य देखा जा रहा है. साथ ही यह आरोप भी लगाया जा रहा है कि, चूंकि डॉ. रेखा कदम के पति डॉ. निरज कदम ठेका पद्धति पर सरकारी अस्पताल में कार्यरत है, तो शायद स्वास्थ्य महकमें के कुछ उच्च अधिकारियों द्बारा डॉ. निरज कदम के परिवार को बचाने का प्रयास तो नहीं किया जा रहा.

* दोषियों पर हो कडी कार्रवाई
वहीं इस दौरान शिवसेना प्रवक्ता, विधायक तथा पीसीपी, एनडीटी की सदस्य मनीषा कायंदे ने वर्धा पहुंचकर इस मामले में यहां के जिलाधीश व जिला पुलिस अधिक्षक से मुलाकात की और अवैध गर्भपात मामले के दोषियों पर कडी से कडी कार्रवाई करने की मांग की. साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि, इस मामले की जांच करने वाले अधिकारियों को स्वास्थ्य क्षेत्र की कोई विशेष जानकारी नहीं है. ऐसे में इस क्षेत्र की सटीक जानकारी रखने वाले वकील की नियुक्ति इस मामले के लिए करना बेहद जरुरी है और वे खुद इस मामले में राज्य की मुख्यमंत्री तथा स्वास्थ्य मंत्री से मुलाकात करते हुए प्रत्यक्ष बात करेंगी.

* एक वर्ष में 13 वैध गर्भपातों की जानकारी
मामले की जांच के दौरान पता चला है कि, आर्वी स्थित कदम हॉस्पिटल में वर्ष 2021 के दौरान केवल 13 गर्भपात किये जाने की जानकारी अस्पताल प्रशासन द्बारा ऑनलाइन व ऑफलाइन तरीके से दर्ज करायी गई है. वहीं अस्पताल के पीछे स्थित गोबरगैस प्लांट से अब तक 12 इंसानी खोपडियां पायी गई है. अस्पताल द्बारा उपलब्ध करायी गई कानूनी गर्भपातों की जानकारी के तहत बताया गया कि, सभी 13 गर्भपात 12 माह के अर्भक से संबंधित है. किंतु जिस तरीके से कदम अस्पताल के भीतर से एक के बाद एक सनसनीखेज जानकारियां सामने आ रही है. उसे देखते हुए अंदाजा जताया जा रहा है कि, कदम अस्पताल में गैर कानूनी तरीके से कहीं अधिक गर्भपात करवाया गया. जिनकी कहीं कोई जानकारी ही दर्ज नहीं है. ऐसे में अब स्वास्थ्य महकमें सहित अन्न व औषधि प्रशासन को भी सवालों के घेरे में खडा किया जा रहा है. साथ ही एक 13 वर्षीय बच्ची का अवैध गर्भपात कराये जाने की वजह से उजागर हुआ यह मामला अब दर्जनों अवैध गर्भपातों के आगे बढते हुए सरकारी दवाह की हेराफेरी और सार्वजनिक स्वास्थ्य के नियमों के उल्लंघन तक जा पहुंचा है तथा इसे लेकर अर्वी शहर व वर्धा जिले सहित समूचे राज्य व देश में हडकंप व्याप्त है.

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