विदर्भ

अभिभावकों को लूटें नहीं शालाएं, अन्यथा होगी कार्रवाई

शालेय शिक्षण राज्यमंत्री बच्चु कडू ने जारी किये निर्देश

  • शाला व्यवस्थापन व पालक प्रतिनिधियों की ली बैठक

नागपुर प्रतिनिधि/दि.१७ – शाला व्यवस्थापनों एवं सभी अभिभावकों की संयुक्त बैठक लेकर उनका पक्ष सुना जायेगा. साथ ही अभिभावकों से नियमबाह्य व अधिक शालेय शिक्षा शुल्क वसूल किये जाने के संदर्भ में मिलनेवाली शिकायतों की जांच करते हुए दोषी पाये जाने पर संबंधित शाला व्यवस्थापन के खिलाफ कठोर कार्रवाई कर फौजदारी मामले दर्ज किये जायेंगे. इस आशय की जानकारी शालेय शिक्षा राज्यमंत्री बच्चु कडू (Minister State School Education Bachchu Kadu) ने दी. साथ ही शिक्षा विभाग को इस संदर्भ में आवश्यक दिशानिर्देश भी दिये. स्थानीय जिलाधीश कार्यालय के बचत भवन सभागार में शहर की विविध शालाओं के व्यवस्थापन एवं अभिभावकों की एक संयुक्त बैठक ली गयी. जिसमें शालेय शिक्षा राज्यमंत्री बच्चु कडू सहित अपर जिलाधीश श्रीकांत फडके, माध्यमिक शिक्षाधिकारी डॉ. शिवलिंग पटवे व प्राथमिक शिक्षाधिकारी चिंतामण वंजारी आदि उपस्थित थे. इस समय शालेय शिक्षा राज्यमंत्री बच्चु कडू ने कहा कि, विभिन्न शालाओं के खिलाफ कई तरह की शिकायतें सामने आयी है. जिनकी पडताल करने हेतु एक समिती स्थापित की गई है. इस समिती को अपनी रिपोर्ट पेश करने के साथ ही आगामी २० दिनों के भीतर कार्रवाई करने का निर्देश दिया गया है. इस समय कई अभिभावकों ने मांग रखी कि, कोरोना की वजह से लागू किये गये लॉकडाउन के चलते सभी शालाएं बंद है और ऑनलाईन पढाई हो रही है. ऐसे में शिक्षा शुल्क में कुछ सहूलियत दी जाये, जिस पर राज्यमंत्री बच्चु कडू ने कहा कि, शहर की कई शालाओं में अलग-अलग पाठ्यक्रम पढाये जाते है, इसकी जांच की जायगी और किसी भी शाला व्यवस्थापन को अतिरिक्त शिक्षा शुल्क वसूल करने का अधिकार नहीं है. साथ ही अन्य शुल्क के नाम पर भी शाला व्यवस्थापन अपनी मनमानी नहीं कर सकते है. इसके अलावा स्कूलों से ही शैक्षणिक साहित्य लेने की जबर्दस्ती करनेवाली शालाओं के खिलाफ अपराधिक मामले दर्ज किये जाये, ऐसा निर्देश भी राज्यमंत्री बच्चु कडू ने दिया. इस समय जहां एक ओर कई अभिभावकों ने राज्यमंत्री बच्चु कडू के समक्ष अपनी व्यथाएं रखी. वहीं दूसरी ओर राज्यमंत्री बच्चु कडू ने शाला व्यवस्थापनों का भी पक्ष सुना.

  • … तो अपराध दर्ज किया जायेगा

इस समय राज्यमंत्री बच्चु कडू ने कहा कि, कई शालाओं द्वारा फर्जी तरीके से पालक-शिक्षक समिती का गठन किया जाता है. यदि जांच के दौरान यह बात सामने आयी, तो उनके खिलाफ कार्रवाई की जायेगी. इसी तरह स्कूल परिसर में नर्सरी नहीं खोली जा सकती है और शालेय साहित्य की बिक्री भी नहीं की जा सकती है. यदि इस संदर्भ में शाला व्यवस्थापन द्वारा गलत जानकारी देते हुए दिशाभूल करने का प्रयास किया गया, तो उनके खिलाफ जालसाजी के मामले दर्ज किये जायेंगे. इसके साथ ही कई शालाओं द्वारा प्रतिवर्ष शालेय शुल्क बढाया जाता है और कुछ शालाएं रोजाना १० रूपये विलंब शुल्क के नाम पर अतिरिक्त शुल्क भी वसूलती है. यह पूरी तरह से गलत है, ऐसा भी राज्यमंत्री बच्चु कडू ने कहा.

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