विदर्भ

पत्नी को नौकरी करने के लिए कहना हिंसाचार नहीं

परिवार न्यायालय का निर्णय

नागपुर/ दि.18- पत्नी को नौकरी करने के लिए कहना परिवारिक हिंसाचार नहीं है. पत्नी को अपने पैरों पर खडे रहने के लिए और उसे सक्षम बनाने हेतु नौकरी के लिए प्रेेरित करना अच्छी बात है ऐसा निर्णय परिवार न्यायालय व्दारा एक मामले में दिया गया. नागपुर की रहने वाली युवती का विवाह साल 2015 में हुआ था. आपसी मतभेद के चलते कुछ ही सालों में पती-पत्नी अलग हो गए जिसमें पत्नी ने न्यायालय में खावटी के लिए आवेदन किया. जिसमें उसने कहा कि पती और सास उसे सुबह 5 बजे उठाकर घर का काम करवाते है इसके अलावा उसे नौकरी करने के लिए भी कहा जाता है ऐसा आरोप उसने सास व पती पर लगाया. न्यायालय व्दारा सुनवाई के पश्चात निर्णय दिया गया है कि पत्नी को नौकरी के लिए कहना हिंसाचार नहीं है और उक्त युवती की खावटी की याचिका भी न्यायालय ने रद्द कर दी. पती की ओर से एड. श्याम अंभोरे ने पैरवी की.

Back to top button