ससुर की आत्महत्या मामले से डॉक्टर बहु हुई बरी
ससुर ने रेल्वे पटरी पर दी थी जान, सुसाईड नोट में लिखा था बहु का नाम
नागपुर/दि.9 – कोरोना व लॉकडाउन की वजह से लगातार घर में रहने के चलते मानसिक रूप से त्रस्त होकर अमरावती निवासी एक बुजुर्ग व्यक्ति ने रेल के नीचे कटकर आत्महत्या कर ली थी. इस व्यक्ति द्वारा अपनी सुसाईड नोट में डॉक्टर रहनेवाली अपनी बहु एवं उसके अस्पताल के कर्मचारियों के नाम लिखकर उन्हें अपनी मौत के लिए जिम्मेदार बताया गया था. इस मामले की सुनवाई के बाद उच्च न्यायालय ने डॉक्टर बहु व अन्य नामजद कर्मचारियों के खिलाफ दर्ज किये गये अपराधिक मामले को खारिज करने का आदेश जारी किया.
जानकारी के मुताबिक अमरावती के नवाथे परिसर निवासी भगवान निचत के बेटा व बहु डॉक्टर है तथा उनका घर व अस्पताल एक ही जगह पर स्थित है. इस अस्पताल में कोरोना संदेहित मरीज भी इलाज हेतु आया करते थे. इस बात के मद्देनजर कोरोना के संक्रमण से बचाये रखने हेतु भगवान निचत का घर से बाहर आना-जाना बंद करवा दिया गया था. जिससे उनका मानसिक संतुलन बिगड गया था और उन्होंने एक दिन चोरी-छिपे ढंग से बाहर निकलते हुए रेल पटरी पर जाकर आत्महत्या कर ली. आत्महत्या करने से पहले लिखी गयी सुसाईड नोट में भगवान निचत ने अपनी मौत के लिए अपनी डॉक्टर बहु व अस्पताल के दो कर्मचारियों के नाम लिखे थे. जिसके बाद पुलिस ने इन तीनों के खिलाफ भादंवि की धारा 306 के तहत अपराध दर्ज किया था. जिसे चुनौती देते हुए नागपुर हाईकोर्ट में एक याचिका दायर की गई थी. जहां पर याचिकाकर्ताओं की ओर से एड. फिरदौस मिर्जा ने पैरवी की और बचाव पक्ष का युक्तिवाद सुनने के बाद हाईकोर्ट ने इस मामले में दर्ज किये गये अपराधिक प्रकरण को रद्द करने का आदेश जारी किया.