विदर्भ

कोरोना महामारी से ठीक होने के पश्चात 14 दिनों में करे प्लाज्मा दान

प्लाज्मा बैंक के वैद्यकीय संचालक डॉ. हरिश वर्भेे का आहवान

नागपुर/प्रतिनिधि दि.८कोरोना संकट काल में लोगों के जान बचाने के लिए स्वास्थ्य यंत्रणाए दिन-रात कार्य कर रही है. कोरोना काल में रक्तदाताओं की कमी होने की वजह से रक्त की किल्लत हो रही है. कोरोना महामारी में उपयोगी प्लाज्मा की भी किल्लत महसूस हो रही है. ऐसे में जो मरीज कोरोना महामारी से ठीक हुए है वे अपना प्लाज्मा 14 दिन के पश्चात दान कर सकते है.
प्लाज्मा दान करना चाहिए जिसकी वजह से अनेकों जान बचाई जा सकती है ऐसा आहवान प्लाज्मा बैंक के वैद्यकीय संचालक डॉ. हरिश वर्भे ने किया. पिछले अनेक वर्षो से प्लाज्मा थैरेपी दी जा रही है. किंतु इस थैरेपी का नाम बार-बार कोरोना काल में ही सुनने को मिल रहा है. कोरोना जीवाणु नया होने की वजह से शुरुआत में ब्लाइंड प्लाज्मा दिया जा रहा था.
इसमें अलग-अलग संशोधन किए गए. अब आरबीडी एंटीबॉडी जांच में प्लाज्मा देने की शुरुआत किए जाने से वह अधिक प्रभावी साबित हुआ है ऐसा मत लाइफ लाइन ब्लडबैंक आरबीडी प्लाज्मा बैंक के वैद्यकीय संचालक डॉ. वर्भे ने व्यक्त किया. डॉ. वर्भे ने कहा कि कोरोना महामारी में उपयोगी आरबीडी प्लाज्मा दाताओं की संख्या कम हो रही है.
अनेक मरीजों को वापस जाना पड रहा है जिसमें दानदाता प्लाज्मा दान करें ऐसा आहवान भी डॉ. वर्भे ने किया है. डॉ. वर्भे ने कहा कि, प्लाज्मा दान सीधे ब्लड बैंक में जाकर भी किया जा सकता है या फिर शिविर आयोजित कर भी प्लाज्मा दान किया जा सकता है. 18 से 65 वर्ष की आयु वाले व्यक्ति जिनका वजन 50 किलों से ज्यादा हो और उनकी आरबीडी एंटीबॉडी का स्तर 640 से अधिक हो ऐसे व्यक्ति प्लाज्मा दान कर सकते है.

  • प्लाज्मा की मांग दुगनी हुई

31 जुलाई 2020 में अमेरिका में विकसित हुई आरबीडी की कीट अब नागपुर में भी उपलब्ध है यह वैद्यकीय क्षेत्र के लिए अभिमान की बात है. प्लाज्मा दान करने के लिए जिस प्रकार से लोग आगे आना चाहिए उस तरह से लोग आगे नहीं आ रहे है. कोरोना काल में प्लाज्मा की मांग दुगनी हुई है लाइफलाइन ब्लड बैंक में 150 प्लाज्मा यूनिट उपलब्ध है. किंतु जरुरत की तुलना काफी कम है. कोरोना को परास्त करने के लिए आगे आकर प्लाज्मा दान करे ऐसा आहवान डॉ. वर्भे ने किया.

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