विदर्भ

दो बच्चों के हत्यारे को दोहरा आजीवन कारावास

नागपुर हाईकोर्ट ने सुनाया फैसला

* आरोपी ने पैसों के विवाद में बच्चों को फेंका था नदी में
नागपुर/दि.19– पैसों को लेकर हुए विवाद के चलते अपने रिश्तेदार के दो बच्चों को नदी में फेंककर उन्हें जान से मार देनेवाला आरोपी दोहरे आजीवन कारावास की सजा के लिए ही पात्र है, इस आशय की टिप्पणी के साथ मुंबई उच्च न्यायालय की नागपुर खंडपीठ ने आरोपी द्वारा सजा के खिलाफ की गई अपील को खारिज कर दिया. यह टिप्पणी न्या. विनय देशपांडे व न्या. गोविंद सानप की खंडपीठ द्वारा की गई.
जानकारी के मुताबिक मोहम्मद कुतुबुद्दीन कमरूद्दीन अंसारी (37) नामक आरोपी मूलत: मध्यप्रदेश का निवासी है. जिसने अपनी भाभी के भाई के बेटे नूरेन (10) व बेटी अकबारी खातुन (13) की निर्ममता पूर्वक हत्या की थी. मो. कुतुबुद्दीन की ऑटोमोटिव चौक में टायर की दुकान है. जहां से मो. इलियास अंसारी नामक व्यक्ति पुराने टायर खरीदा करता था. टायरों की खरीदी-बिक्री के व्यवहार को लेकर पैसोें के लेन-देन पर कुतुबुद्दीन व इलियास के बीच आपसी वादविवाद भी हुआ. वादविवाद भी हुआ और कुतुबुद्दीन लगातार इलियास से डेढ लाख रूपये मांग रहा था. वहीं इलियास हमेशा पैसा देने में टालमटोल कर रहा था. जिस कुतुबुद्दीन के मन में गुस्सा था. इसी गुस्से के तहत कुतुबुद्दीन 27 नवंबर को इलियास की दुकान पर गया और वहां से उसकी दुपहिया लेकर उसके घर गया. जहां से ताजबाग जाने का बहाना करते हुए वह इलियास के दोनों बच्चों को अपने साथ लेकर गया, लेकिन बाद में बच्चों को लेकर वापिस नहीं लौटा. इस दौरान कुतुबुद्दीन ने अपना फोन भी स्वीच ऑफ कर दिया था. ऐसे में इलियास ने कई स्थानों पर अपने दोनों बच्चों की खोजबीन की. जिसका कोई फायदा नहीं होने पर इसे लेकर जरीपटका पुलिस थाने में शिकायत दर्ज करायी गई. वहीं इसके बाद छपरा स्थित वैनगंगा नदी में 29 नवंबर 2015 को 10 वर्षीय पुरेश तथा 1 दिसंबर 2015 को 13 वर्षीय अकबारी खातुन का शव बरामद हुआ. जिसके पश्चात पुलिस ने दोनों बच्चों की हत्या के मामले में कुतुबुद्दीन अंसारी को गिरफ्तार किया. जिसे जिला व सत्र अदालत ने दोहरी उम्रकैद की सजा सुनाई थी. जिसके खिलाफ कुतुबुद्दीन अंसारी ने मुंबई उच्च न्यायालय की नागपुर खंडपीठ में अपील दायर की थी. जिसे खारीज करते हुए हाईकोर्ट ने कहा कि, दो मासूम बच्चों को निर्ममतापूर्वक मौत के घाट उतारनेवाले मोहम्मद कुतुबुद्दीन अंसारी के लिए दोहरे उम्रकैद की सजा बिल्कुल योग्य है.

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