डॉ. अनिल बोंडे की सजा को हाईकोर्ट ने किया स्थगित
राज्य सरकार को दी नोटीस, अगली सुनवाई होगी जून में
* नायब तहसीलदार के साथ कार्यालय में मारपीट का मामला
नागपुर/दि.22- राज्य के पूर्व मंत्री तथा भाजपा के वरिष्ठ नेता डॉ. अनिल बोंडे को नायब तहसीलदार के साथ मारपीट करने के मामले में अमरावती की जिला व सत्र अदालत द्वारा सुनाई गई सजा पर मुंबई हाईकोर्ट की नागपुर खंडपीठ ने कल गुरूवार 21 अप्रैल को स्थगनादेश दिया. इसके साथ ही डॉ. अनिल बोंडे ने हाईकोर्ट में दोषसिध्दी को भी स्थगित करने हेतु अपील की है. ऐसे में न्या. अनिल किलोर की अदालत ने इस मामले में राज्य सरकार के नाम नोटीस जारी करते हुए मामले की अगली सुनवाई जून माह में करने का फैसला सुनाया.
बता दें कि, अमरावती जिले के वरूड में पदस्थ नायब तहसीलदार नंदकिशोर काले ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराते हुए आरोप लगाया था कि, मोर्शी-वरूड क्षेत्र के तत्कालीन विधायक डॉ. अनिल बोंडे ने 30 सितंबर 2016 को उन्हें अपने कक्ष में बुलाकर गाली-गलौज करते हुए मारपीट की और उन्हें जान से मारने की धमकी भी दी. जिसके उपरांत वरूड पुलिस ने डॉ. अनिल बोंडे के खिलाफ अपराध दर्ज करते हुए अदालत में चार्जशीट पेश की और अमरावती की जिला व सत्र अदालत ने 5 अप्रैल 2022 को अपना फैसला सुनाते हुए डॉ. अनिल बोंडे को तीन माह के कारावास व 10 हजार रूपये के जुर्माने तथा जुर्माना नहीं भरने पर एक माह के अतिरिक्त कारावास की सजा सुनाई थी. जिसे डॉ. अनिल बोंडे ने मुंबई हाईकोर्ट की नागपुर खंडपीठ के समक्ष चुनौती देने के साथ ही नागपुर हाईकोर्ट में सजा को स्थगित करने हेतु अपील की. जिसे हाईकोर्ट द्वारा अंतिम सुनवाई हेतु मंजुर कर लिया गया. साथ ही सत्र न्यायालय द्वारा सुनाई गई सजा को फिलहाल स्थगित रखने का आदेश देते हुए इस मामले में राज्य सरकार के नाम जवाब पेश करने हेतु नोटीस जारी की. इस मामले में अब अगली सुनवाई आगामी जून माह में होगी.