सरकारी अस्पतालों को औषधी व सर्जीकल साहित्य की आपूर्ति की जाए
उच्च न्यायालय ने दिए राज्य सरकार को आदेश
नागपुर दि. 14 – कोरोना की तीसरी लहर धीरे-धीरे भीषण रुप धारण कर रही है. ऐसे में विदर्भ के सभी सरकारी अस्पतालों में एक सप्ताह के भीतर आवश्यक औषधियां व सर्जीकल साहित्य की आपूर्ति की जाए ऐसे आदेश नागपुर उच्च न्यायालय व्दारा राज्य सरकार को दिए गए. आदेश का पालन न किए जाने पर वैद्यकीय शिक्षण व औषधी द्रव्य विभाग सचिव पर कार्रवाई की जाएगी और उन्हें न्यायालय में हाजिर रहना होगा ऐसा भी आदेश में कहा गया है.
इस मामले में न्यायाधीश सुनील शुक्रे व अनिल पानसरे के समक्ष सुनवाइ की गई. उच्च न्यायालय में विदर्भ के सरकारी अस्पताल के संदर्भ में जनहित याचिका प्रलंबित है. उस मामले में न्यायालय मित्र एड. अनूप गिल्डा ने कुछ दिनों पूर्व न्यायालय में आवेदन दाखिल कर सरकारी अस्पताल में औषधी व सर्जीकल साहित्य की कमी निर्माण होने की जानकारी दी थी.
औषधियां व सर्जीकल साहित्य खरीदी कर सरकारी अस्पतालों को आपूर्ति किए जाने की जिम्मेदारी हॉफकिन इंस्टिट्यूट को दी गई है. किंतु हॉफकिन इंस्टिट्यूट ने बिल बकाया होने की वजह से यह समस्या निर्माण हुई है ऐसा आरोप लगाया है. इस पर न्यायालय ने सरकार से स्पष्टीकरण मांगा था. सरकार की ओर से असमाधानकारक उत्तर दिए जाने पर यह आदेश जारी किया गया है. इस मामले में आगे की सुनवाई 25 जनवरी को होगी.
बॉक्स
न्यायालय ने राज्य सरकार व हॉफकिन को लगाई फटकार
उच्च न्यायालय ने कोरोना संकट काल में राज्य सरकार व हॉफकिन इंस्टिट्यूट की उदासीनता को देखकर कडक शब्दों में फटकार लगाई. कोरोना की तीसरी लहर की शुरुआत हो चुकी है जिसमें मरीजों की संख्या दिनों दिन बढ रही है. इस परिस्थिति में राज्य सरकार व हाफकिन इंस्टिट्यूट तत्काल सरकारी अस्पतालों में आवश्यक औषधियां व सर्जिकल साहित्य उपलब्ध करवाए ऐसे आदेश भी दिए.