विदर्भ

राजनीतिक दबाव के चलते पालकी व रथ का रास्ता छोडा गया

(ridhpur)रिद्धपुर की गोविंद प्रभू तिर्थस्थल सेवा समिती ने लगाया आरोप

प्रतिनिधि/१८ दि.१८

रिद्धपुर – महानुभव तिर्थक्षेत्र रिद्धपुर के लिए तत्कालीन मुख्यमंत्री देवेंंद्र फडण्वीस व पूर्व कृषिमंत्री डॉ. अनिल बोंडे ने गोंविद प्रभू तिर्थस्थान सेवा समिती व अखिलभारतीय महानुभव परिषद द्वारा रिद्धपुर के विकास कार्य के लिए तत्कालीन मुख्यमंत्री को निवेदन दिया था. जिसमें रिद्धपुर तिर्थक्षेत्र के लिए २०१७-१८ में पहली निधि की किश्त २२.३५ करोड रुपए मंजूर की गई थी. जिसमें तिर्थक्षेत्र का विकास किया जाना था. किंतु राजनीतिक दबाव के चलते प्रमुख मार्ग जिस मार्ग से गोंविद प्रभू की पालकी जाती है वहीं रास्ते का काम जानबूझकर छोड दिया गया है. ऐसा आरोप रिद्धपुर की गोंविद प्रभू तिर्थस्थल सेवा समिती द्वारा लगाया गया. तत्कालीन सरकार द्वारा कामों के लिए बनाए गए स्टीमेंट से काम नहीं हो रहा जिसके विरोध में सोमवार से गोंविद प्रभू तिर्थस्थान सेवा समिती व ग्रामवासी अनशन पर बैठ गए. उनकी मांग है कि, जब तक स्टीमेंट की कॉपी उन्हें नहीं मिलती तब तक श्रृंख्लाबद्ध अनशन जारी रहेगा. उनका कहना है कि, गोंविद प्रभू राजमठ मंदिर-श्रावणी चौक-बाराघोडे मंदिर-डॉ. बाबासाहब आंबेडकर पुतले तक का रास्ता गोंविद प्रभू पालकी व रथ मार्ग, मारकामाया से अवधूत मंदिर सीमेंट रास्ता, गोपाल भोजने के घर से लेकर ज्ञानशक्ति स्वीकार मंंदिर तक सीमेंट रास्ता, श्री राजमठ मंदिर, पानेरी व पानी की टाकी शॉपिंग सेंटर, सुलभ शौचालय शहर में विद्युतिकरण, बस स्टेंड के लिए जगह का निरीक्षण की गई जगह का स्थालतंरण करना आदि कामों का समावेश है. रिद्धपुर गोंविद प्रभू तिर्थस्थान सेवा समिती द्वारा १७ अगस्त से श्रृख्ंलाबद्ध अनशन की शुरुआत कर दी गई है. जिसमें वायंगदेशकर महानुभव, सायराज बाबा, प्रसन्न मुनी कविश्वर, राहुल मुनी शिवणीकर, राजधरदादा पैठणकर, मंगेशदादा यशदेव, गोपाल सेवाकर, बालु लासुलकर, विलास सिनकर, राहुल बागडे, रंजीत सिनकर, प्रवीण जावरकर, रोशन सिनकर, प्रदीप पंजाबी, मंगेश भेले, संकेत सिनकर, प्रमोद सिनकर, अरुण गव्हारे, नरेंद्र सिनकर, आशिष गवादे, मंगेश शेलके, सुदर्शन वासनकर, हिरराज कंजेकर, विलास लंगडे, नयन निमकर, ऋषिकेश सिनकर, आकाश गजभिये, चेतन लासुलकर का समावेश है.

Related Articles

Back to top button