अधिकारियों की मेहरबानी से दो पत संस्थाओं में ही करोडो का व्यवहार
2.64 करोड रुपए का घोटाला प्रकरण
वर्धा/दि.05– तत्कालीन भूसंपादन अधिकारी स्वाती सूर्यवंशी ने 25 वर्ष पूर्व मुआवजा दिए किसानो की मांग न रहते हुए भी फर्जी खाते निकालकर 2 करोड 64 लाख रुपए निधि का घोटाला किया. इस घोटाले के लिए उन्होंने आदर्श महिला नागरी सहकारी पत संस्था हिंगणघाट और किसान महिला नागरी सहकारी पत संस्था मर्यादित वर्धा का इस्तेमाल किया है. इसी पत संस्था पर मेहरबानी क्यों? ऐसा प्रश्न उपस्थित हो रहा है. इन दोनों पत संस्थाओं की पुलिस ने जांच की क्या? इस ओर सभी का ध्यान केंद्रीत है.
पैसों की लालसा में फर्जी खाते निकालकर शासन को चूना लगानेवाली तत्कालीन भूसंपादन अधिकारी स्वाती सूर्यवंशी को नीतेश येसनकर ने एजंट के रुप में सहयोग किया, ऐसा अब तक जांच में उजागर हुआ है. इस कारण पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर उसके 3 खाते सील किए है. लेकिन मुख्य आरोपी स्वाती सूर्यवंशी ने जमानत के लिए वर्धा सत्र न्यायालय में दौड लगाई है. उसकी जमानत पर सोमवार को सुनवाई हो गई. सुनवाई अधुरी होने से मंगलवार को फिर से सुनवाई होनेवाली है. इसके लिए दोनों दलो को बुलाया गया है. आज शाम तक सुनवाई के बाद क्या निर्णय होता है, इस ओर सभी का ध्यान केंद्रित है. विशेष यानी जिले में अनेक पत संस्था रहने के बावजूद इन दोनों पत संस्थाओं को पसंद किस कारण से किया गया. कोई जांच न करते हुए स्वाती सूर्यवंशी ने वॉटस्एप पर भेजे आधारकार्ड के आधार पर भूधारको के कोई भी आवेदन अथवा सहमती न रहते खाते कैसे खोले गए? ऐसे अनेक सवाल उपस्थित हो रहे है. उनका भी जल्द पर्दाफाश होने की संभावना है.
* बगैर केवाईसी बैंक खाते निकाले
बगैर केवाईसी के बैंक खाते निकालना नियमबाह्य है. किसानो का कोई भी आवेदन नहीं है. उन्होंने बैंक में जाकर हस्ताक्षर नहीं किए फिर भी खाते खोले गए. इस प्रकरण में वह भी दोषी रहने की बात जांच रिपोर्ट में स्पष्ट हुई है. इस संदर्भ में पुलिस विभाग के पास शिकायत की गई है. उनकी जांच में यह सभी बाते उजागर होगी. जिला प्रशासन की तरफ से भी इस प्रकरण में जांच जारी है.
– राहुल कर्डिले, जिलाधिकारी, वर्धा.
* कोई खाता निकालने कोई खाताधारक नहीं आया
उपजिलाधिकारी के कहने पर और उनके द्वारा गारंटी लिए जाने पर कोई भी पत संस्था संबंधित के खाते निकालेगी. वैसा ही हमने किया है. उनकी सूचना के मुताबिक 4 खाते हमारी पत संस्था में निकाले गए. लेकिन यह खाते निकालने के लिए कोई भी खाताधारक नहीं आया. इस संदर्भ में हमने उपजिलाधिकारी सूर्यवंशी को बार-बार बताया. अब जांच के बाद यह खाते सील किए गए. रकम कायम है.
– आचल थूल, अध्यक्ष, आदर्श महिला नागरी सहकारी पत संस्था, हिंगणघाट.
* इस प्रकरण से मेरा कोई संबंध नहीं
इस प्रकरण से मेरा कोई संबंध नहीं है. मेरी पत संस्था में कितने खाते निकाले और किसने निकाले इस बाबत मुझे कोई जानकारी नहीं है. इस प्रकरण की पत संस्था भी मेरी नहीं है.
– शरद कांबले, सीईओ, शेतकरी महिला नागरी पत संस्था, वर्धा.