नागपुर प्रतिनिधि/दि.७ – कोरोना की मार उद्योगधंदो पर कितनी ज्यादा पडी इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि अनलॉक-५ के बाद भी नागपुर विभाग में करीब ५ हजार कंपनियां व उद्योग बंद पडे है. पहले छह महीने (अप्रैल से सितंबर) में कंपनियों की तरफ से इपीएफओ में जमा होने वाला योगदान ९०० करोड से घटकर ६०० करोड हो गया है.
ईपीएफओ नागपुर विभाग के तहत करीब १५ हजार उद्योग है, जहां १५ लाख कामगार कार्यरत थे. लॉकडाउन के कारण उद्योग बंद होते गए. सरकार की तरफ से अनलॉक-५ की घोषणा के बावजूद अभी भी नागपुर विभाग (नागपुर, वर्धा, चंद्रपुर, गडचिरोली, गोंदिया, भंडारा) में करीब ५ हजार उद्योग शुरु नहीं हो सके है. उद्योग बंद होने से ईपीएफओ में पीएफ के रुप में जमा होने वाली राशि कम हो गई है. उद्योगों की तरफ से पहले छह महीने में जहां ९०० करोड रुपए जमा किए जाते थे, वहीं घटकर अब ६०० करोड हो गए है.
लॉकडाउन में काफी कामगारों के रोजगार चले गए. अप्रैल से सितंबर (छह महीने)तक २५७५८ कामगारों को ३९ करोड की राशि वितरित कर चुका है.
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सरकार की माली हालत खराब
केंद्र सरकार की तरफ से पीएफ में जमा राशि पर ब्याज दिया जाता है. सरकार ने २०१९-२० के लिए ८.६५ फीसदी ब्याज देने का निर्णय लिया था.
कोरोना के कारण सरकार की माली हालत खराब हो गई और छह महीने बाद भी ब्याज जमा नहीं हो सका. अप्रैल से सितंबर के बीच जो लोग रिटायर्ड हुए, उन्हें ब्याज के लिए इंतजार करना पडेगा.
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उद्योग धंदे पूर्ववत शुरु करने के किए जा रहे प्रयास
अर्थव्यवस्था में तेजी के लिए सभी उद्योग शुरु होना जरुरी है. सरकार की तरफ से उद्योगों को कई तरह की रियायत दी जा रही है. रोजगार जाने से कामगार पीएफ में जमा राशि निकालकर परिवार का गुजारा करने को मजबूर है. ईपीएफओ की तरफ से छह महीने में २५७५८ कामगारों को ३९ करोड की राशि वितरित की गई. ऑनलाइन आवेदन मिलने पर ३ दिन में राशि कामगार के बैंक खाते में जमा की जाती है. नागपुर विभाग में करीब ५ हजार उद्योग बंद पडे है, जिन्हें शुरु करने के लिए हर स्तर पर प्रयास हो रहे है.
-विकास कुमार, क्षेत्रीय आयुक्त
ईपीएफओ नागपुर