विदर्भ

नागपुरी संतरा-मोसंबी को फायटोप्थोरा का असर

नागपुर/प्रतिनिधि दि.६ – विश्वस्तर पर पहचाने जाने वाले नागपुरी संतरा और मोसंबी पर फिलहाल फायटोप्थोरा यह फंगसजन्य रोग का असर हुआ है. विशेषतः काटोल व नरखेड तहसील में इसका बड़े पैमाने पर प्रादुर्भाव दिखाई दे रहा है. यहां के उत्पादकों को सावधानी बरतने की चेतावनी दी गई है. फिलहाल उमस व बारिश न होने के कारण यह संक्रमण दिखाई दे रहा है. साधारणतः अगस्त से अक्तूबर इस कालावधि में होने वाला यह संक्रमण इस बार जुलाई में ही दिखाई दे रहा है. इसमें होने वाले फल गलने के कारण भी किसानों में चिंता देखी जा रही है.
इस संक्रमण मेंं परिपक्व या परिपक्व होने की स्थिति के फलों पर चमड़ी के रंग के चट्टे दिखाई देते हैं. फल को तीव्र गंध आता है. टहनियां, पत्ते तपकीरी रंग के हो जाते हैं. फल तोड़ते समय व पहले लक्षण दिखाई नहीं देते. लेकिन तोड़ने के बाद फल मिलाने पर सभी फल संक्रमित होने का धोखा इसमें होता है.

किसानों को सतर्कता बरतनी चाहिए. गंभीर धोखा होने पर संक्रमित बागों में फॉसेटिल एल्युमिनियम या मेफोनोक्झान एमझेड ढाई लिटर पानी में मिलाकर फवारणी करनी चाहिए. संक्रमित फलों को क्रेट बॉक्स में न डाले.
– डॉ. डी.के. घोष, संचालक, आयसीएआर, केंद्रिय नींबू वर्गीय फल संशोधन संस्था

  • इस तरह किया जाये उपाय

इस संक्रमण से बचाने के लिये जमीन से 24 या उससे अधिक इंच ऊंचाई से छंटनी की जाये. कॉपरयुक्त फंगसनाशक फवारणी करें, 1 प्रतिशत बोर्डेक्स मिश्रण, कॉपर एक्सिक्लोराईड, 3 ग्राम मिश्रण में फवारणी करें.

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