विदर्भ

निर्माण कार्य उद्योग पर और छह माह कोरोना का प्रभाव

घरों की मांग नहीं, पंजीयन रद्द कराने पर जोर

  हि.स./ दि.४

मुंबई- निर्माण कार्य उद्योग पर मंडरा रहे खतरे याने कोरोना वायरस का प्रभाव और छह माह तक बना रहेगा, ऐसा संबंधित ठेकेदारों को लगता है. घर खरीदी में उठाव आना तो दूर पंजीयन तक रद्द हो रहे है. निवेश करने के लिए कोई राजी नहीं है. बैंकों ने कर्ज देने से मना कर दिया है आदि कई कारणों से आर्थिक परेशानियां निर्माण हुई है, ऐसा भी संबंधित उद्योग से जुडे लोगों का कहना है. इस समस्या से बाहर निकालकर प्रोजेक्ट कैसे पुरा करना यह प्रश्न निर्माण हुआ है. केवल १० से २० प्रतिशत मजदूर अब उपलब्ध हो पा रहे है. उनके जोर पर प्रोजेक्ट पुरे कर पाना असंभव हो रहा है. जो घरों की बिक्री हुई है. उसकी अगली किश्त देने में टालमटोल किया जा रहा है. कुछ लोग घर में बैठे रकम वापस मांग रहे है. पुनर्विकास प्रोजेक्ट में रहने वाले किराया नहीं भर पा रहे है. इन समस्याओं को देखते हुए ठोस आर्थिक सहायता नहीं की गई तो निर्माण कार्य उद्योग को बडा झटका लगने की संभावना है, ऐसा भी विकासकों का कहना है. नैशनल रियल इस्टेट डेवलपमेंट काउंसिल के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ.निरांजन हिरानंदानी के अनुसार केंद्र सरकार अगर विकासकों के लिए स्वतंत्र आर्थिक सहायता नहीं करती है तो उद्योग को फिर से खडा होने के लिए काफी समय लगेगा. इसिलिए आर्थिक सहायता करने की मांग की जा रही है.

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