-
तीन किलो बीजों से तैयार किया जा सकता है एक लीटर डीजल
नागपुर/दि.28 – केंद्रीय सडक परिवहन मंत्री नितीन गडकरी ने कहा कि, ग्रामीण क्षेत्रों में किसानों की गरीबी दूर करना जरुरी है. अखाद्य तेल बीजों से बायो-डीजल तैयार होता है. तीन किलो बीजो से एक लीटर डीजल तैयार किया जा सकता है. इससे ढेप भी निकलती है. इस पर संशोधन की जरुरत है. ग्रामीण क्षेत्र के किसानों को इससे बडे पैमाने पर रोजगार मिलेगा. ग्रीन कू्रड बायोफ्यूल फाउंडेशन की ओर से करंजी के पौधे का वितरण कार्यक्रम वर्धा मार्ग पर केंद्रीय मंत्री गडकरी के निवास पर हुआ. फाउंडेशन संशोधक डॉ. हेमंत जांभेकर, सचिव अजित पारसे, उपाध्यक्ष राजेश मुरकुटे, गडचिरोली के प्रकल्प समन्वयक विनय सालवे, युवा शाखा समन्वयक हर्षवर्धन फुके उपस्थित थे. गडकरी ने गडचिरोली से आए किसानों को पौधे वितरीत किये. इस अवसर पर वे बोल रहे थे.
उन्होंने कहा कि, ग्रामीण क्षेत्र के किसानों की गरीबी दूर करने का प्रयास शुरु करने का प्रयास शुुरु है. गांव में अखाद्य तेल बीजों से डीजल के लिए बायो-डीजल का प्लांट लगाने पर वह संभव है. जनवरी से फरवरी में तापमान 15 डिग्री से नीचे रहता है. तब इन बीजों से निकलने वाला ईंधन जमा होता है. यह दो महीने छोड दिए जाएं, तो कोई परेशानी नहीं. पेट्रोल पंप पर डीजल से अधिक यह डीजल सस्ता है. किसानों द्बारा तैयार किया ईंधन है. प्रत्येक विद्यार्थी ने पांच पेड लगाए तो एक को तीस किलो बीज मिलेंगे. इस तरह डेढ सौ किलो बीज होंगे. इससे ईंधन तैयार होगा. शहर में यह पेड लगाने पर वातावरण में कार्बन डाइऑक्साइड कम होगा.
यह तकनीकी गरीब व्यक्ति तक ले जाना आवश्यक है. उन्हें इससे रोजगार मिलेगा. गडचिरोली जिले में रिफाइनरी लगाने का सपना है. बांबू से विमान का ईंधन तैयार किया जा सकता है. 20 हजार करोड ईंधन आयात पर खर्च आता है. उसे दो लाख करोड पर लाने की योजना है. बचत के एक लाख करोड किसानों की जेब में जाएंगे. प्रास्ताविक डॉ. हेमंत जांभेकर और आभार प्रदर्शन अजित पारसे ने किया.
केंद्रीय मंत्री गडकरीने कहा कि, पेडों को ई-टैग किया जा सकता है. अजित पारसे को सॉफ्टवेयर व संबंधित तकनीक में महारत है. उनका मार्गदर्शन किसान लें. पारसे ने भी इस दौरान मदद की तैयारी दर्शाई.