चुनाव आयोग को हाईकोर्ट से राहत

नागपुर/दि.24 – राज्य चुनाव आयोग ने बॉम्बे हाईकोर्ट की नागपुर खंडपीठ में स्पष्ट किया है कि, वे लोकसभा-विधानसभा के चुनाव नहीं लेते. उन्हें सिर्फ स्थानीय निकाय चुनाव कराने की जिम्मेदारी है. इसके लिए मतदाता सूची तैयार करते वक्त वे केंद्रीय चुनाव आयोग द्बारा विधानसभा चुनावों के लिए तैयार मतदाता सूची इस्तेमाल करते हैं. उसे आगे वार्ड अनुसार विभाजित करके मतदाता सूची जारी की जाती है. राज्य चुनाव आयोग ने यह भी कोर्ट को बताया है कि, मतदाता सूची तय करते वक्त वे एक कटऑफ तारीख तय करते हैं. उस तारीख तक विधानसभा चुनाव की मतदाता सूची में जितने लोगों का नाम हो, उतने ही नाम निकाय चुनाव की मतदाता सूची में शामिल किए जाते हैं.
बॉम्बे हाईकोर्ट की नागपुर खंडपीठ ने भी राज्य चुनाव आयोग के अभिवक्ता जैमिनी कासट की इस दलील को सही मानते हुए चंद्रपुर के तोहोगांव निवासी फिरोज खान की याचिका खारिज की है. दरअसल, उनके क्षेत्र में ग्राम पंचायत चुनाव होने जा रहे हैं. 13 मार्च 2020 को प्रकाशित मतदाता सूची में याचिकाकर्ता और उनकी पत्नी का नाम शामिल था. लेकिन 25 सितंबर को प्रकाशित सूची से उनका, उनकी पत्नी समेत करीब 21 लोगों के नाम हटा दिए गए. चुनाव आयोग इस सूची में उनका नाम जोडने को तैयार नहीं था, जिसके बाद उन्होंने हाईकोर्ट की शरण ली थी.