विदर्भ

बिजली आयोग ने किया ग्राहक हित में फैसला

आधी विद्युत खरीदी की मांग ठुकराई

* प्रदेश में अपारंपरिक ऊर्जा
नागपुर/दि.15– राज्य बिजली नियामक आयोग ने महावितरण, बेस्ट, टाटा, अदानी व अन्य बिजली कंपनियों पर अपारंपरिक ऊर्जा स्त्रोत की आधी बिजली खरीदने की शर्त अमान्य कर दी. जानकारों ने इसे ग्राहक हित में किया गया निर्णय बताया है. अन्यथा बिजली दरों में बढोतरी होने की आशंका बढ जाती. बिजली कानून के प्रावधानों के अनुसार वितरण कंपनियों को स्पर्धात्मक रुप से सस्ती बिजली खरीदना अपेक्षित रहता है.

* ऊर्जा नीति पर असर
हालांकि आयोग का निर्णय उपभोक्ता के हित में बताया जा रहा है. किंतु यह भी कहा गया कि प्रदेश की बिजली नीति को इस निर्णय से धक्का लगा है. अक्षय स्त्रोत से प्रदेश में 17360 मेगा वॉट उत्पादन की क्षमता है. उसकी 50 प्रतिशत बिजली खरीदना बंधनकारक करने पर 2024-25 तक 12100 मेगा वॉट बढोतरी करनी होगी. सरकार ने अक्षय स्त्रोत बढाने 2025 तक पारेषण शुल्क माफी सहित अन्य रियायते दी है. विशेषकर देहाती भागों में अक्षय बिजली स्त्रोत से विकास होगा और बडे प्रमाण में रोजगार अवसर मिलेंगे.

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