विदर्भ

हवा के झोके से होती है बिजली आपूर्ति खंडित

विद्युत रोहित्र धोखादायक, महावितरण के मानसून पूर्व कामों पर प्रश्नचिन्ह

धामणगांव रेल्वे/दि.22- हवा के झोके कुछ स्थानों पर बिजली आपूर्ति खंडित होती है. जिससे शहर सहित तहसील के नागरिक परेशान हो गए हैं. एक ओर अब तक बारिश न होने से किसान हवालदिल हो गए हैं. वहीं दूसरी ओर बिजली वितरण कंपनी के कारभार से नागरिक त्रस्त है. जिसके चलते महावितरण ने मानसून पूर्व काम तुरंत करें, जिससे बिजली आपूर्ति खंडित नहीं होगी, इस बात की दखल लेने की मांग की जा रही है.
हर साल बारिश के दिनों में बिजली की लुकाछुपी शुरु होती है. लेकिन इस पर अब तक उचित उपाययोजना नहीं की गई. तेज हवा के कारण पेड़ों की टहनियां विद्युत तार पर गिरने से विद्युत वाहिनी टूटने की संभावना को नकारा नहीं जा सकता. शहर सहित तहसील के गांववासी बिजली की लुकाछुपी से हैरान हो गए हैं. इस बाबत बार-बार शिकायत करने पर भी बिजली वितरण कंपनी द्वारा इस बात को गंभीरता से न लिए जाने से नागरिकों में बिजली वितरण कंपनी के बारे में रोष व्यक्त हो रहा है.
बिजली खंभे पर लगाए गए बिजली के रोहित्र खुले रहते हैं. इसलिए बारिश के दिनों में खुले घुम रहे मवेशियों सहित नागरिकों की जान को खतरा निर्माण हुआ है. बारिश के दिनों में बिजली आपूर्ति खंडित होने का धोखा टालने के लिए महावितरण द्वारा हर साल देखभाल व दुरुस्ती के काम किए जाते हैं. विद्युत वाहिनियों को स्पर्श करने वाले पेड़ों की छोटी टहनियों को तोड़ने, टूटी हुई पीन व डिस्क इन्सूलेटर्स बदलने, वितरण रोहित्रा के अर्थिंग की जांच, ऑर्ईल फिल्टरेशन, उपकेंद्र के ब्रेकर्स की दुरुस्ती, फ्यूज बदलने, भूमिगत केबल डालने, खंभे और तारों का मजबूतीकरण, बिजली खंभे, तार बदलने या झोल निकालने, बिजली तारों के पास के पेड़ों की टहनियों को छांटने, पुराने फीडर पिलर में इन्सूलेशन स्प्रे मारने व बारिश का पानी जमा होने वाले परिसर के फीडर पीलर की जमीन से ऊंचाई बढ़ाने, आदि विविध प्रकार के कामों का समावेश है. लेकिन हवा के झोंका आते ही बिजली आपूर्ति खंडित होने से मानसून पूर्व काम बाबत प्रश्नचिन्ह लगा है.

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