विदर्भ

तकनीक के जरिए कर प्रणाली को सक्षम बनाएं

राज्यपाल रमेश बैस ने कहा, एनएडीटी में आईआरएस की 77 वीं बैच का प्रशिक्षण प्रारंभ

नागपुर/दि.17– महाराष्ट्र के राज्यपाल रमेश बैस ने कहा कि भारतीय नागरिकत्व छोडनेवालों की संख्या 2018 में 1 लाख 34 हजार से अधिक थी. यह संख्या 2022 में 2 लाख 25 हजार पर जा पहुंची. अनाप-शनाप संपत्ति वाले नागरिक जब अपनी नागरिकता छोडते है तो भारतीय अर्थव्यवस्था पर इसका असर होता है. इस बारे में कर विभाग को चिंतन करने की जरूरत है. व्यवसाय और कॉर्पोरेट इन दावे क्षेत्रों से अर्थव्यवस्था चलती है. इसके लिए तकनीक की मदद से कर प्रणाली को सक्षम बनाकर अनुपालन व्यवसाय बढाना जरूरी है. वहीं कर संबंधित याचिकाओं में याचिकाकर्ताओं की रकम कई दफा अटकी रहती है. ऐसे में कर संबधित याचिका कम करने के लिए भी कर विभाग द्बारा पहल करना आवश्यक है.

राष्ट्रीय प्रत्यक्ष कर अकादमी (एनएडीटी)में भारतीय राजस्व सेवा की 77 वीं बैच के 90 और रॉयल भुटान सेवा के 2 अधिकारियेां के सेवापूर्व प्रशिक्षण का उद्घाटन बुधवार को राज्यपाल बैस के हाथो हुआ. इस दौरान वे बोल रहे थे.
इस दौरान केंद्रीय प्रत्यक्ष कर मंडल के प्रशासकीय सदस्य राजीव अग्रवाल, एनएडीटी के प्रधान महासंचालक जयंत दिद्दी प्रमुखता से उपस्थित थे. इस दौरान राज्यपाल बैस ने आगे कहा कि फेसलेस फाइलिंग, तुरंत रिफेंड और कर दायित्व के विस्तार में पारदर्शिता और जवाबदेही तय करने में भारतीय राजस्व सेवा के अधिकारी कर्तव्यबध्द है. भारत की आजादी के अमृत महोत्सव काल में आईआरएस की नई बैच के अधिकारियों की शताब्दी वर्ष तक भारत को विकसित राष्ट्र बनाने में अहम भूमिका होगी. इसके पहले राज्यपाल बेस ने एनएडीटी परिसर में वृक्षारोपण किया.

एनएडीटी के प्रधान महासंचालक जयंत दिद्दी ने एनएटीडी के कार्यो की जानकारी दी. 77 वीं बैच के प्रशिक्षु अधिकारियों को कर प्रशासन की शपथ अतिरिक्त महासंचालक मुनिष कुमार ने दिलाई. संचालन एवं आभार प्रदर्शन प्रशिक्षु अधिकारी हषीर्याणी सिंह ने किया. इस दौरान एनएडीटी के कर्मचारी, आयक विभाग के वरिष्ठ अधिकारी, 76 और 77 वीं बैच के अधिकारी और उनके परिजन उपस्थित थे.

* विविध क्षेत्रों में काम करने का मौका:

अग्रवाल केंद्रीय प्रत्यक्ष कर मंडल के प्रशासकीय सदस्य रवि अग्रवाल ने कहा कि फेसलेस असेसमेंट जैसी अत्याधुनिक तकनीक का उपयोग करके कर प्रशासन को सक्षम व प्रभावी बनाने में आईआरएस अधिकारियों की महत्वपूर्ण भूमिका होती है. इन अधिकारियों को कर प्रशासन ही नहीं, भारतीय लोक प्रशासन के विविध सार्वजनिक उपक्रम,बैकिंग व्यवस्था जैसे विविध क्षेत्रों में भी काम करने का मौका मिलता है.

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