विदर्भ

सुपारी तस्करी मामले में आरोपियों के खिलाफ अपराध दर्ज करें

हाईकोर्ट के सीबीआई को आदेश

नागपुर / प्रतिनिधि दि.26 – सुपारी तस्करी मामले में जांच पूर्ण कर आरोपी के खिलाफ अपराध दर्ज करने के आदेश नागपुर खंडपीठ ने गुरुवार को सीबीआई को दिये है. इस मामले में सीबीआई व खुफिया राजस्व संचालनालय (डीआरआय) इन दोनों प्रतिवादियों की जरुरत है. जिससे इन प्रतिवादियों को इस मामले से हटाया नहीं जाएगा, ऐसा भी न्यायमूर्ति सुनील शुक्रे व न्यायमूर्ति अविनाश घरोटे ने स्पष्ट किया है. साथ ही डीआरआय ने इस मामले से हटाने के लिए अर्जी की है. तब हाईकोर्ट ने वह खारीज कर दी. इस मामले में अब आगामी 10 मार्च को सुनवाई होगी.
पिछली सुनवाई में सीबीआई ने इस मामले की जांच करने के लिए हम असमर्थ है ऐसा कहा था. डीडीआर को जांच सौंपने, सीबीआई पर काम का भारी बोझ रहने से हम जांच नहीं कर सकते, इस कारण इस मामले की जांच डीआरआय कर रही है, ऐसा सीबीआई ने अर्जी में कहा है. फिर भी दोनों की ही जरुरत को ध्यान में रखकर दोनों यंत्रणाओं को इस मामले में हाईकोर्ट में कायम रखा है. नागपुर में करोडों की सुपारी का व्यवहार हो गया है. यह सुपारी इंडोनेशिया से भारत में आती है. साथ ही नेपाल, कोलकत्ता मार्ग से नागपुर में हर रोज अनेक ट्रक सुपारी के आते है, इस तरह का दावा करने वाली याचिका सी.के. इंस्टीट्युशन रिसर्च सेंटर के अध्यक्ष डॉ.मेहबुब एम.के. चिमटानवाला ने दाखल की है. छापे में मिली सुपारी का फुड सेप्टी एन्ड स्टैंडर्ड अ‍ॅथारिटी ऑफ इंडिया ने परीक्षण किया है. सुपारी खाने योग्य नहीं है, ऐसा अ‍ॅथारिटी ने अपने रिपोर्ट में कहा है. इस मामले में नागपुर, मुंबई स्थित 4 बडे व्यापारियों का सहभाग रहने की बात पायी गई थी. जिससे हाईकोर्ट ने आरोपियों के खिलाफ अपराध दर्ज करने के आदेश दिये है. न्यायालय मित्र एड.आनंद परचुरे, याचिकाकर्ता की ओर से एड.रसपालसिंग रेणु ने पक्ष रखा.

  • ‘एरिका नट’ से बीमारी

सीबीआई स्थानीय स्तर पर तथा डीआरआय आंतरराष्ट्रीय स्तर पर जांच करती है. जिससे दोनों को भी मामले से न हटाए, ऐसा न्यायालय मित्र एड.आनंद परचुरे ने हाईकोर्ट को बताया. उन्होंने कहा ‘एरिका नट’ सुपारी खाने योग्य नहीं है, इसके बाद भी पान मसाला, खर्रा इसमें इस सुपारी का इस्तेमाल किया जाता है. जिससे लोगों को कर्करोग समान बीमारी होती है. डीआरआय ने कहा कि हम ‘कस्टम ड्युटी’ व जुर्माना लगाते है. यह सुपारी इंडोनिशिया से श्रीलंका भेजी जाती है, वहां से भारत में आसाम मार्ग से लायी जाती है. इस मामले में मनी लॉड्रिंग की संभावना रहने से सीबीआई व डीआरआय रहना आवश्यक है.

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