नागपुर प्रतिनिधि/दि.९ – शेगांव के मातंगवाडी की जगह का विवाद हल करने के लिए याचिकाकर्ताओं ने गजानन महाराज संस्थान की ओर जाना चाहिए और अमरावती विभागीय आयुक्त ने यह विवाद निपटाने में मध्यस्थता करनी चाहिए, इस तरह का आदेश नागपुर खंडपीठ ने सोमवार को दिया है.
प्रमोद गणेश पाटिल (मातंगवाडी) व अन्य 12 लोगों ने हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की है. जमीन अधिग्रहण 2013 एक्ट अंतर्गत याचिकाकर्ताओं की जमीन अधिग्रहित की गई. इस मामले में हाईकोर्ट ने इससे पहले प्रतिवादियों को नोटिस दिया था. इसमें गजानन महाराज संस्थान को प्रतिवादी किया गया था. जमीन अधिग्रहण का 3 करोड 78 लाख रुपए का अवार्ड पारित हुआ. यह रकम संस्था ने जमा की जिससे हाईकोर्ट ने संस्थान ने दाखिल की हुई मध्यस्थी अर्जी मंजूर की. न्यायमूर्ति सुनील शुक्रे व न्यायमूर्ति अविनाश घरोटे ने मातंगवाडी की जगह के अधिग्रहण बाबत याचिकाकर्ताओं ने संस्था के पास जाना चाहिए तथा विभागीय आयुक्त ने संबंधित विभाग हल करना चाहिए, ऐसे आदेश दिये है. संस्थान की ओर से एड. अरुण पाटिल व नप की ओर से एड डी.एम.काले, सरकार की ओर से एड.दिपक ठाकरे ने पक्ष रखा.
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मुआवजे की अर्जी नामंजूर
2001, 2003 के बीच हुए भुकंप में संस्थान के पंढरपुर स्थित एक मंदिर व भक्त निवास का नुकसान हुआ था. यह 19 लाख रुपए का मुआवजा संस्थान को मिला था. किंतु संस्थान व्दारा तकरीबन 6 करोड के मुआवजे के लिए की हुई अर्जी न्यायमूर्ति अतुल चांदूरकर व न्यायमूर्ति नितीन सूर्यवंशी ने नामंजूर की है.