विदर्भ

बाढ और बारिश से पूर्वी विदर्भ में भी हाहा:कार

भंडारा (Bhandara) शहर पानी में डूबा

  • ब्रह्मपुरी में हेलीकॉप्टर से राहत कार्य

  • महाराष्ट्र-मध्यप्रदेश का संपर्क टूटा

  • गोसीखुर्द प्रकल्प के ३३ दरवाजे खुले

  • हर ओर पानी का कहर, आम जनजीवन बुरी तरह अस्त-व्यस्त

नागपुर – मध्यप्रदेश स्थित संजय सरोवर बांध के दरवाजे खोलकर जलनिकासी शुरू किये जाने के चलते पूर्वी विदर्भ में बाढ की स्थिति आ गयी है और वैनगंगा व बाघ नदी का जलस्तर अचानक बढ जाने से भंडारा व गोंदिया जिलों में हर ओर पानी ही पानी है और कई रिहायशी इलाके बाढ के पानी में डूब गये है. उम्मीद थी कि, लगातार जारी बारिश की वजह से बाढ कम होगी. लेकिन बारिश रूकते ही मध्यप्रदेश के संजय सरोवर व गोंदिया जिले के पूजारीटोला बांध से पानी छोडा गया. जिससे वैनगंगा नदी में बाढ आ गयी. ऐसे में समय रहते गोसीखुर्द प्रकल्प से जलनिकासी शुरू कर बाढ को नियंत्रित करना आवश्यक था, लेकिन इसमें हुई देरी की वजह से भंडारा शहर सहित ५८ गांवों में बाढ का पानी जा घुसा. हालांकि बाद में गोसीखुर्द प्रकल्प के सभी ३३ दरवाजों को खोलकर जलनिकासी शुरू की गई है. भंडारा व गोंदिया में आयी बाढ के चलते कई स्थानों का संपर्क देश-दुनिया से पूरी तरह टूट गया है और वहां पर हेलीकॉप्टरों को भेजकर बाढ में फंसे लोगों को बाहर निकाला जा रहा है. साथ ही जगह-जगह पर अपने घरों की छतों पर मौजूद लोगों तक आपदा राहत व बचाव पथक के लोग छोटी-छोटी नौकाओं के जरिये पहुंच रहे है.

भंडारा शहर में हर ओर पानी ही पानी

गोसेखुर्द बांध के ३३ दरवाजों को खोले जाने के बाद भी वैनगंगा का पानी भंडारा शहर में घुस गया और अचानक घरों में पानी घुसने और पानी का स्तर लगातार बढने की वजह से अनेकों लोगोें ने पूरी रात अपने घरों की छतों पर जागकर बितायी और सुबह होते ही प्रशासन द्वारा छोटी-छोटी नौकाओं के जरिये रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू किया गया. भंडारा शहर में चहुंओर पानी ही पानी भरा हुआ था और लंबे समय तक भंडारा शहर का देश व दुनिया के साथ संपर्क टूटा हुआ था.

गडचिरोली में भी बाढ का कहर

गोसेखुर्द बांध से छोडे गये पानी की वजह से गडचिरोली जिले में भी बाढ सदृश्य हालात है. वैनगंगा सहित उसकी प्राणहिता व गोदावरी नामक उपनदियों में भी बाढ आयी है और गडचिरोली जिले के चारों ओर बाढ का पानी भरा हुआ है. जिसके चलते गडचिरोली जिले में आनेवाले सभी रास्तों से आवागमन पूरी तरह से बंद है और गडचिरोली जिले का नागपुर व चंद्रपुर के साथ संपर्क पूरी तरह से टूट चुका है.

गोंदिया में कई गांव डूबे

विगत तीन दिनों से लगातार जारी बारिश की वजह से गोंदिया व तिरोडा तहसील में बने बाढसदृश्य हालात रविवार को भी यथावत रहे. तिरोडा-तुमसर मार्ग पर सडक बह जाने के चलते यहां से आवागमन रोक दिया गया है, वहीं दोनो तहसीलों के ३० गांव अब भी बारिश में डूबे हुए है और बाढ प्रभावित गांवों के लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया जा रहा है.

फसलों का बडे पैमाने पर नुकसान

विगत चार दिनों से बाढ की स्थिति कायम रहने और हर ओर बाढ व बारिश का पानी जमा रहने की वजह से नदी किनारे रहनेवाले खेतों में धान की फसल के सड जाने का खतरा उत्पन्न हुआ है. साथ ही बाढ का दायरा और अधिक बढने की वजह से सैंकडों गांवों के प्रभावित होने का खतरा है. ऐसे में बाढसदृश्य हालात नियंत्रित होते ही नुकसान का सर्वे शुरू करने को लेकर प्रभावितों द्वारा मांग की जा रही है.

चार राज्यों में बाढ का कहर

बता दें कि, महाराष्ट्र के विदर्भ सहित मध्यप्रदेश, गुजरात व उडीसा इन तीन राज्यों में लगातार बाढ का कहर जारी है. अतिवृष्टी की वजह से मध्यप्रदेश के पूर्वी हिस्से में स्थित १२ जिलों में बाढ आयी हुई है और विविध दुर्घटनाओं में १२ लोगों की मौत हुई है. इसके अलावा विगत दो दिनों के दौरान १२०० लोगों को सुरक्षित स्थानों पर स्थलांतरित किया गया है. वहीं गुजरात में नर्मदा नदी के किनारे बसे २ हजार गांवों के लोगों को सुरक्षित स्थानों पर ले जाया गया. उधर जबर्दस्त बारिश के चलते हिराकुंड बांध के ४६ दरवाजे खोलकर जलविसर्ग शुरू किये जाने की वजह से महानदी में बाढ आयी हुई है. जिससे ओडीशा के बौध जिले का अधिकांश हिस्सा पानी में डूब गया है. उडीसा में अब तक १७ लोगों की मौत हो गयी है तथा २२ जिलों १४ लाख लोगोें पर विस्थापित होने की नोबत आ गयी है. वहीं १० हजार घरों का नुकसान हुआ है.

Related Articles

Back to top button