विदर्भ

आज भी ईमानदारी कायम

युवक ने हजारों रूपए से भरी थैली पुलिस को सौंपी

* बुजुर्ग ने ली राहत की सांस
धामणगांव रेल्वे-/ दि. 25 बदलते जमाने में पैसे कमाने के लिए अनाप-शनाप तरीको का इस्तेमाल किया जा रहा है. आर्थिक सुरक्षा और पुख्ता करने के लिए ऑनलाइन ट्रांजेक्शन को बढावा दिया जा रहा है. वहां भी ठगी करनेवालों की कमी नहीं है. अक्सर इस प्रकार की घटनाओं से लगता है कि अब ईमानदारी लुप्त होती जा रही है. लेकिन शहर में एक ऐसी घटना घटी है. जिससे आज भी जमाने में ईमानदारी कायम होने की झलक देखने को मिली. तहसील के समीपस्थ देवगांव निवासी अंकुश गाडेकर ने एक बुजुर्ग के बीच रास्ते में गिरकर खो गई 21 हजार नगद राशि से भरी थैली को पुलिस को सौंपकर ईमानदारी का परिचय दिया है.
* बुजुर्ग को वापस लौटाई 21 हजार की थैली
सोमवार की दोपहर 4 बजे अंकुश गाडेकर अपनी पत्नी के साथ शहर के तिलक चौक से जा रहे थे. तब उनकी नजर रास्ते पर पडी एक थैली पर पडी. शंका कुशंका के दौर में रास्ते पर गिरी किसी भी वस्तु को कोई हाथ नहीं लगाता फिर भी अंकुश ने उस थैली को उठाकर देखा. उसमें बडी रकम के साथ बैंक पासबुक थी. अंकुश ने क्षणभर भी विलंब न करते हुए दत्तापुर पुलिस स्टेशन पहुंचकर थानेदार हेमंत ठाकरे को घटना की जानकारी दी. हेमंत ठाकरे ने उस थैली से वह बैंक पासबुक निकालकर निर्देशित नाम सुभाष नत्थुजी मोरे (70, निवासी कावली वसाड) से संपर्क कर उनकी ऐसी कोई थैली खोने के बारे में जानकारी ली. तसल्ली के बाद थानेदार ने उन्हें तुरंत दत्तापुर पुलिस स्टेशन आने को कहा.

* बुजुर्ग के चेहरे पर मुस्कान
मोरे ने तुरंत दत्तापुर पुलिस स्टेशन पहुंचकर अपना परिचय दिया और उक्त राशि उनकी मेहनत से कमाई की जानकारी दी. खोई हुई राशि प्राप्त होते ही बुजुर्ग के चेहरे पर मुस्कान दिखाई दी. साथ ही उन्होंने राहत की सांस ली. जिसके पश्चात अंकुश गाडेकर का शुक्रिया अदा कर थानेदार हेमंत ठाकरे को भी धन्यवाद दिया. इस कार्रवाई में पुलिस निरीक्षक विष्णुपंत राठोड तथा संदीप तिरकुडे ने अपना दायित्व निभाया. वर्तमान में भटकी युवा पीढी के लिए एक उम्दा मिसाल कायम करने के लिए थानेदार हेमंत ठाकरे ने अंकुश गाडेकर को गौरवान्वित किया.

 

 

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