विदर्भ

बाघों की एक झलक पाने हर साल आते है लाखों पर्यटक

ताडोबा-अंधारी बाघ परियोजना में

* मनुष्यों और बाघों की बीच ‘क्लोज एन्काउंटर’ बनी नियमित घटना
* वन्यजीव प्रेमी व फोटोग्राफर बंडा ने दृश्य को किया कैद

नागपुर/दि.20-ताडोबा-अंधारी बाघ परियोजना में, बाघों और मनुष्यों के बीच क्लोज एन्काउंटर एक नियमित घटना बन गई है. यह एक सामान्य स्थिति है. मनुष्यों और बाघ को इसकी आदत हो गई है. ऐसा ही क्लोज एन्काउंटर बाघ का एक मनुष्य के साथही नहीं तो कई मनुष्यों के साथ हुआ. जुनोना-देवडा बफर जोन के इस दृश्य को वन्यजीव प्रेमी और फोटोग्राफर अरविंद बंडा ने कैमरे में कैद किया.
ताडोबा-अंधारी बाघ परियोजना के बाघप्रेमी देश भर में और देश के बाहर भी हैं. ताडोबा के बाघों की एक झलक पाने के लिए हर साल लाखों पर्यटक इस बाघ परियोजना में आते हैं. इस बाघ परियोजना के कोर एरिया ही नहीं बल्कि बफर एरिया में भी पर्यटकों को बाघ आसानी से दिख रहे हैं. इसलिए ताडोबा के कोर एरिया के साथ-साथ बफर एरिया में भी पर्यटकों की संख्या बढी है.
इस बाघ परियोजना में बाघों के कई रोचक किस्से है. यहां के हर बाघ की एक अलग कहानी है. इसलिए उसके गायब होने का रहस्य अभी भी अनसुलझा है. चाहे वह ताडोबा के कोर क्षेत्र से बाघिन माया हो या ताडोबा के बफर जोन से सीएम के नाम से जाने जाने वाला छोटा मटका हो.
ताडोबा-अंधारी बाघ परियोजना में बाघ देखना पर्यटकों के लिए एक सुखद अनुभव है. वे पैसा खर्च कर बाघ दर्शन के लिए इस बाघ परियोजना में आते हैं. इस बाघ परियोजना के तहत आने वाले गांवों के लोगों के लिए बाघ दिखना रोजमर्रा की बात हो गयी है. कभी जंगल के पास सडक से घर लौटते समय तो कभी बाहर जाते समय अचानक बाघ सामने आ जाता है. हालांकि, अब दोनों को इसकी आदत हो गई है और दोनों एक-दूसरे को देखते हैं और अपने-अपने रास्ते चले जाते हैं.
जूनोना-देवाडा बफर जोन में कुछ महिलाएं खेतों में काम करने जा रही थीं. उन्हें लगा कि सडक के किनारे जंगल में एक बाघ है और उसके बाहर आने से पहले ही वह महिलाएं वहां से भाग निकली. हालांकि, जब बाघ निकलकर सडक पर आया तो कुछ नागरिक सडक पर दोपहिया वाहनों पर थे. अचानक उनके सामने बाघ आ गया तो वे भी घबरा गए, उसी समय कुछ पर्यटक जिप्सी भी वहां आ गईं. हालांकि, बाघ की नजर उन पर पड गई और वह सडक पार कर पास के जंगल में पहुंच गया.

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