विदर्भ

बच्चे दत्तक लेने के लिए फेसबुक का सहारा

बालकों को बेचने का मामला उजागर, नागपुर में कार्रवाई

वर्धा प्रतिनिधि/दि. २३ – केंद्रीय दत्तक विधान प्राधिकरण के नियमों को तोडकर बच्चों को दत्तक देते समय आर्थिक लेनेदेन किया जाता है. नागपुर जिले के एक मामले में महिला व बालकल्याण विभाग की ओर से हाल ही में कार्रवाई की गई. इसमें फेसबुक के सहारे बालकों की बिक्री किये जाने की चौकाने वाली बात उजागर हुई है. नागपुर के बुटीबोरी में कोरोना संक्रमण काल में एक महिला पर पारिवारिक विवाद के कारण शारीरिक व मानसिक रुप से अत्याचार किया गया. इस दौरान पांच माह के गर्भवती महिला को पति ने घर से भगा दिया. परेशानी के समय में परिसर की एक महिला के पास सहारा लेकर रहने लगी. प्रसूति होने के बाद महिला के संपर्क में एक व्यक्ति आया. उसने १० दिन का बालक एक संस्था के माध्यम से बेच डाला. यह बात बालकल्याण समिति के माध्यम से पता चली तब जिला महिला व बालकल्याण अधिकारी सुनील मेसरे व नागपुर की माधुरी भोयर ने जांच शुरु की. बुटीबोरी पुलिस थाने में शिकायत दर्ज की गई. बालक को पुलिस ने वापस पाकर महिला के हवाले किया. आरोपी पालक ने फेसबुक के माध्यम से बालक दत्तक लिया, ऐसा बताया और कुछ मामलों में तहकीकात शुरु रहने की बात महिला व बालकल्याण विभाग ने स्पष्ट की है.

  • नियम क्या है

दत्तक विधान यह केंद्रीय दत्तक विधान प्राधिकरण की ओर से पंजीकृत होने के बाद ही अधिकृत माने जाते है. लिखित करार नामे के माध्यम से होने वाली दत्तक प्रक्रिया गैर कानूनी है. उसमें कम से कम चार वर्ष की सजा का कानून है, ऐसा रहने के बाद भी सोशल मीडिया के माध्यम से बच्चों को दत्तक लेने के मामले काफी बडने लगे है.

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