विदर्भ

आरटीओ कार्यालय में चल रहा फर्जी आरसी घोटाला

अधिकारियों व दलालों की मिलीभगत

नागपुर/दि.2 – प्रादेशिक परिवहन कार्यालय-49 (पूर्व) में वाहनों की फर्जी आरसी बुक जारी किए जाने का मामला सामने आया है. यह सब अधिकारियों और दलालों की मिलीभगत से होने की संभावना व्यक्त की जा रही है. प्रारंभिक जांच में उप प्रादेशिक परिवहन अधिकारी विनोद जाधव के हाथ कुल सात फर्जी आरसी लगी है. इसकी शिकायत कलमना थाने में दर्ज की गई है. जिसमें अब तक करीब 9 आरोपियो के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है. इस मामले में शामिल एक कर्मचारी बुधवार को ही सेवानिवृत्त हुआ है. इस घोटाले का प्रमुख आरोपी कथित सेवानिवृत्त कर्मचारी ही बताया जा रहा है.
उप प्रादेशिक परिवहन अधिकारी विनोद जाधव के अनुसार 15 दिन पहले उन्हें इस फर्जीवाडे का पता चला वाहनों का फिटनेस प्रमाणपत्र प्राप्त करने कुछ वाहनधारको द्बारा निवेदन किए गए थे. इनमें संलग्न दस्तावेजों की जांच में आरसी बुक पर नजर पडी जिस पर उनके हस्ताक्षर थे जो फर्जी थे. जाधव ने अन्य आवेदन के साथ संलग्न आरसी की गहनता के साथ जांच पडताल की तो कुल सात फर्जी आरसी उनके हाथ लगी. जिसकी शिकायत उन्होंने 19 मार्च को कलमना पुलिस थाने में वाहनधारकों व दलालों के खिलाफ दर्ज की है.
प्रादेशिक परिवहन कार्यालय में दलालों की गहरी पैठ है. इन्हीं दलालों द्बारा अधिकारियों के साथ मिलीभगत कर फर्जी आरसी बुक तैयार किए जाने का अंदेशा है. जांच में न सिर्फ दलालों व अधिकारियों की सांठ-गांठ का खुलासा हो सकता है अपितु कई अधिकारियों पर भी गाज गिर सकती है. पिछले 15 दिनों में मामला दबाने के लिए उठापटक भी शुरु हुई है. किंतु अभी तक पुलिस ने किसी आरोपी को गिरफ्तार नहीं किया है.
माना जा रहा है कि दस्तावेजों का फर्जीवाडा आरटीओ में लंबे समय से चल रहा है. विगत दिनों दो वाहनों का टैक्स अदा नहीं होने का मामला उजागर हुआ था. फुटाला निवासी अरविंद यादव के मुताबिक वाहन टैक्स अदा करने के बावजूद रेकार्ड में उसकी एंट्री नहीं की गई थी. हाल ही में यातायात पुलिस ने दो ऐसे वाहनों को ढूंढ निकाला जिसमें एक ही वाहन क्रमांक अंकित था.

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