विदर्भ

संतरे की सीधे बिक्री से किसानों को लाभ

हिम्मत करने का उत्पादकों को आह्वान

पथ्रोट/दि. ३१ – व्यापारियों की लालच में न पडते हुए संतरे की सीधी बिक्री करके किसानों ने लाभ लेना शुरु किया है. इसके लिए हर किसान हिम्मत करें, ऐसा आह्वान किया गया है. किसानों के संतरा फल के बिक्री का व्यवसाय बहुत ही चिंताजनक है. बाजार में संतरे को भाव न मिलने का कारण व्यापारियों व्दारा बार-बार बताया जाता है. वर्षभर के खर्च का नियोजन करने के लिए हताश होकर संतरे का विभाजन कर पांच से १० रुपए तक संतरा बेचने की बारी उत्पादकों पर आयी.
परंतु ऐसी स्थिति में डगमगाने की जगह पूरी हिम्मत के साथ यहां के किसान साहबराव थोरात व बंडू थोरात ने दिल्ली, बैंगलोर व पुणे के बाजार का अभ्यास कर खूद माल बाजार में बेचने के लिए ले गए है. वहां उन्हें ४० रुपए प्रति किला भाव में संतरा बेचा, जिससे उनका प्रयोग सफल रहा. उन्हें ५०० कैरेट के लिए गाडी का किराया ६० हजार रुपए और संतरा तोडने व गाडी में भरने के लिए सामान्य तौर पर १५ हजार रुपए, ऐसा कुल ७५ हजार रुपए खर्च लगा. २० से २२ किलो की संतरा फल की एक कैरेट, उन्हें ४० रुपए कीमत के अनुसार ८८० रुपये प्रति कैरेट दाम मिले. इसके अनुसार ४ लाख ४० हजार रुपए तक संतरा बेचा. ८० हजार रुपए के करीब खर्च लगा और ३ लाख ६० हजार तक लाभ उठाया. खूद बेचने की हिम्मत करने पर उन्होंने संतरे फल का विभाजन कर उसपर बेस्ट क्वालिटी का स्टीकर लगाकर ५०० कैरेट गाडी के अनुसार ४ गाडी अब तक बाजार में ले जा चुके है. संतरा उत्पादक इसी तरह हिम्मत कर सीधे संतरे बेचकर लाभ उठाए ऐसा आह्वान किया है.

व्यापारियों व्दारा संतरे का भाव नहीं बताया जाता

बाजार में संतरे को भाव नहीं ऐसा व्यापारियों व्दारा बताया जा रहा है, इसके कारण जिस भाव में संतरा लिया, वह सौदा बीच में छोडा जाता है, इसी वजह से हमने हिम्मत करके कदम उठाया.
– साहबराव थोरात, संतरा उत्पादक जजुना गांव

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