विदर्भ

सोना गिरवी रखकर किसानों को करना पड रहा है पैसों का जुगाड

खरीफ की बुआई के लिए पैसों के अभाव में किसान परेशान

  • दर्यापुर तहसील में खरीफ की बुआई की समस्या

दर्यापुर/दि.2 – पिछले 4 से 5 वर्षों से सूखे के चलते तहसील के किसान परेशान हुए है, ऐसा रहते समय कोरोना महामारी के चलते किसानों का आर्थिक गणित पुरी तरह से बिगड चुका है. कोरोना जैसी भिषण स्थिति रहते समय वर्तमान स्थिति मं बलिराजा खेती के काम में व्यस्त हुआ है. चारों ओर बुआई की गडबड शुरु है. इस वर्ष बुआई के लिए उधार, सोना गिरवी रखकर निजी अथवा सरकारी बैंक से पैसे ब्याज पर लेकर बीज, खाद बिकत लेने पर किसानों का जोर दिखाई दे रहा है. वहीं दूसरी ओर बुआई का मौसम शुरु रहते हुए भी पिछले वर्ष का फसल बीमा न मिलने से किसान वर्ग चिंता में घिर गया है. उसी में बारिश गायब हो जाने से जिन किसानों की बुआई होनी है उनका संकट और बढ चुका हेै.
कोरोना महामारी के नियंत्रण के लिए सरकार की ओर से लॉकडाउन लागू किया गया था. इस दौरान अनेकों उद्योग बंद हुए थे. किंतु बलिराजा मात्र पिछले वर्ष भी अपनी जान मुठी में लेकर खेत में परिश्रम कर रहा था. उसके बाद ऐन मौसम में बाजार में खेती माल को योग्य भाव नहीं मिला, जिससे वह खर्च भी नहीं निकला. दर्यापुर तहसील में सभी ओर मृग की बारिश हो जाने से किसान वर्ग में बुआई की सरगर्मी शुरु हुई थी. लगभग 60 प्रतिशत बुआई हुई है. किंतु बीच में ही बारिश गायब हुआ. जिससे जिनके पास पैसा नहीं था उन किसानों ने उधारी पर बुआई की तैयारी कर अब आसमान की ओर नजरे जमाए बैठे है. सरकार व्दारा की गई कर्जमाफी के बाद नया कर्ज देने कुछ बैंक व सोसायटी अभी भी किसानों को चाहिए उतना सहयोग करते दिखाई नहीं देती. परिणाम स्वरुप किसान बडी मात्रा में जेवरात गिरवी रखकर कर्जा निकाल रहे है.

बीज व खाद की खरीदी कैसे करना

बुआई के लिए खेती की मशागत, खाद, बीज की खरीदी कैसे करना यह प्रश्न किसानों को सता रहा है. साथ ही जीवनावश्यक खर्च, अस्पताल का खर्च, पशुसंवर्धन के लिए भी खर्चा करना पडता है. इसकारण सरकार ने तत्काल मदत करने की आवश्यकता हेै.
-श्रीजीत ठाकरे, किसान, गोलेगांव

किसानों को बुआई के लिए पैसों की जरुरत

बैंक की ओर से फसल कर्ज देने इंकार मिलता है. अभी भी जिन किसानों की बुआईयां होना बाकी है, उन किसानों को पैसों की जरुरत है. समय के भीतर किसानों को फसल कर्जे का वितरण करना चाहिए, अन्यथा निराशा में किसान आत्महत्या का प्रमाण बढेगा.
-गोपाल अरबट, संचालक, एपीएमसी

किसानों को अच्छे दर्जे का बीज दे

पिछले वर्ष उत्पादित खेती माल को बाजार में कवडी के मोल भाव मिलने से किसानों पर कर्जे का बोझ बढ चुका है. फिर भी किसान नई उम्मीद से बुआई का काम करते दिखाई देता है. इस बीच सरकार ने किसानों को अल्पदर में अच्छे दर्जे का बीज उपलब्ध कर देना चाहिए.
– साहेबराव वाकपांजर, किसान, थिलोरी

Back to top button