* अधिकारियों ने दी अनशन मंडप को भेंट
अचलपुर/दि.25- विदर्भ में किसानों की अनेक समस्याएं है. इसका कारण प्रशासन और सरकार का अयोग्य नियोजन है. ऐसे ही अचलपुर की सापन नदी में कई वर्षों पहले नदी में अतिक्रमित ईंट भट्टियों को छोड़कर गहराईकरण किया गया. जिससे किसानों का भारी नुकसान हुआ. यह अन्यायग्रस्त किासन 2012 से प्रशासन को बार-बार अपनी परेशानी बताते आए, लेकिन उनके निवेदनों की ओर कोई ध्यान नहीं दिया गया. इस बीच कुछ किसानों का नुकसान पाटबंधारे विभाग ने गलत जानकारी देकर किया तो नदी का प्रवाह खेतों की तरफ कर दिया. किसानों ने जिलाधिकारी, उपविभागीय अधिकारी, तहसीलदार, पाटबंधारे विभाग से इंसाफ मांगा, लेकिन कुछ नहीं हुआ. लेकिन जब ये किसान जिलाधिकारी व उपजिलाधिकारी डॉ. इमरान शेख से मिले, उसके बाद उपजिलाधिकारी ने किसानों के नुकसान और अतिक्रमित ईंट भट्टियों का घटनास्थल पर पहुंचकर निरीक्षक किया. जिलाधिकारी ने संबंधित विभागों को निर्देश दिए कि ईंट भट्टियों का अतिक्रमण हटाया जाए और नदी के बीच से गहराईकरण किया जए. लेकिन अब तक संबंधित विभागों ने कार्यवाही शुरु नहीं की, जिसके चलते किसानों ने बुधवार को गांधी पुल से अनोखे अंदाज में आंदोलन शुरु किया. पारंपरिक वेशभूषा में किसान बैलगाड़ी में बैठे और गाजे बाजे के साथ यात्रा की शुरुआत की. गांधी पुल से निकलकर सापन नदी के तट पर एक पंडाल में आंदोलनकारी किसानों ने पूजा पाठ कर आंदोलन की शुरुआत की. पांच किसानों ने अपनी पांच मांगों को लेकर प्रशासन के सामने चुनौती खड़ी की है.
किसानों का आंदोलन शुरु होने की जानकारी मिलने पर शाम तक अचलपुर के नवनियुक्त तहसीलदार, नायब तहसीलदार अक्षय मांडवे, उप कार्यकार अभिंयता इंदूरकर, पटवारी और संबंधित अधिकारी की टीम ने अनशन मंडप को भेंट दी. तहसीलदार न किसानों की मांगों पर संबंधित अधिकारियों को आदेश दिए. काम जल्द से शुरु करने पर आंदोलन समापन करने की बात किसानों ने कही.