विदर्भ

नियमित कर्ज अदा करने वाले किसान कर्जमुक्ति योजना से वंचित

किसानों को प्रोत्साहन अनुदान की प्रतिक्षा

भंडारा/दि.9 – राज्य की महाविकास आघाडी सरकार ने किसानों के लिए महात्मा ज्योतिराव फुले शेतकरी कर्ज मुक्ति योजना की घोषणा पिछले साल शीत सत्र में की थी. जिसमें नियमित कर्ज अदा करने वाले किसानों को 50 हजार रुपए प्रोत्साहन अनुदान दिए जाने की भी घोषणा की थी. किंतु एक साल बीत जाने के पश्चात भी राज्य सरकार द्वारा इन किसानों को प्रोत्साहन अनुदान नहीं दिया गया. जिसमें अब नियमित कर्ज अदा करने वाले किसानों का भ्रम निरास हो चुका है. राज्य की महाविकास आघाडी सरकार ने एक साल बितने के पश्चात भी अनुदान न दिए जाने पर किसानों ने राज्य सरकार पर दगाबाजी करने का आरोप लगाया है.
राज्य के 153 लाख किसान कृषि व कृषि से संबंधित काम के लिए विविध बैंक तथा जिला मध्यवर्ती बैंक से कर्ज लेते है. 2015-16 से 2018-19 सतत चार वर्षो में राज्य के विविध क्षेत्रों में अकाल सद़ृश्य स्थिति निर्माण होने की वजह से किसानों ने कर्ज अदा नहीं किया. जिसके कारण किसानो को नए कर्ज लेने में बाधा आ रही है. इस पार्श्वभूमि पर 2019 के शीतकालीन अधिवेशन में महात्मा ज्योतिराव फुले शेतकरी कर्ज मुक्ति योजना की घोषणा की गई थी. इस संदर्भ में नियमित कर्ज अदा करने वाले किसानों को 50 हजार रुपए प्रोत्साहन अनुदान की घोषणा की गई थी. इसी दौरान बकाया किसानों ने कर्ज मुक्ति के शासन निर्णय 27 दिसंबर 2019 को निकाला गया. उसके अनुसार इस योजना पर अमल शुरु किया गया. किंतु नियमित कर्ज अदा करने वाले किसानों को अनुदान देने का किसी प्रकार का निर्णय राज्य सरकार द्वारा नहीं लिया गया.
भंडारा जिले में जिन किसानों पर कर्ज बकाया है उन 34 हजार 598 किसानोें की सूची अपलोड की गई थी. जिसमें से 32 हजार 34 किसानों को विशेष नंबर देकर प्रमाणित किया गया. 31 हजार 187 किसानों के आधार प्रमाणित किए गए. जिसमें से 29 हजार 983 किसानों को 149 करोड 67 लाख रुपए का लाभ कर्ज मुक्ति योजना से मिला. किंतु अब भी नियमित रुप से कर्ज अदा करने वाले किसान प्रोत्साहन अनुदान की राशि से वंचित है. नियमित कर्ज अदा करने वाले किसानों का विचार राज्य सरकार द्वारा नहीं किया गया. जिससे किसानों का भ्रम निरास हो चुका है.

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