* लिव इन रिलेशन में आर्थिक जालसाजी
परतवाडा/ दि.8 – लिव इन रिलेशनशीप में सभी का भरोसा जितने के बाद दामाद ने ससुर के नाम बैंक खाता खोला. उस खाते के भरोसे चेक हथिया लिया. चेक दूसरे व्यक्ति को देकर रुपए लिये थे, मगर चेक बैंक में बाउन्स हो जाने के बाद ससुर के नाम पकड वारंट जारी हुआ. उस वारंट से चिंतित हुए ससुर ने आत्महत्या कर ली. प्यार में आर्थिक जालसाजी और धोखे की शिकार हुई महिला की शिकायत पर परतवाडा पुलिस ने आरोपी विद्यानिकेत कॉलोनी निवासी 50 वर्षीय रघुनाथ जग्गुजी लोखंडे के खिलाफ आत्महत्या के लिए प्रेरित करने और विश्वास का अपराधिक हनन करने की विभिन्न धाराओं के तहत अपराध दर्ज कर आगे की कार्रवाई शुरु की हेै.
परतवाडा पुलिस थाने में 42 वर्षीय महिला ने दी शिकायत में बताया कि, आरोपी रघुनाथ लोखंडे के साथ पहचान हुई थी. उनकी पहचान प्यार में बदल गई. उसके बाद दोनों लिव इन रिलेशनशीप में साथ-साथ रहने लगे. शिकायतकर्ता के माता-पिता का अधिकांश उनके घर पर आना जाना लगा रहता था. आरोपी रघुनाथ लोखंडे ने वर्ष 2016 में करुर वैश्य बैंक की अमरावती शाखा में महिला के पिता के नाम बैंक खाता खोला. उसके बाद चेक बुक हथियाकर अपने पास रख ली. 14 मार्च 2016 को उस चेक बुक में से चेक क्रमांक 000114 में 1 लाख रुपए भरकर रिध्दपुर के मो. मुजबिल के नाम जारी किया.
मो. मुजबिल ने वह चेक भुनाने के लिए बैंक में डाला. परंतु रकम न होने के कारण चेक बाउन्स हो गया. इसपर मो. मुजबिल ने शिकायतकर्ता महिला के पिता के खिलाफ मोर्शी अदालत में चेक बाउन्स का केस दायर किया. अदालत से समन्स प्राप्त होने के बाद शिकायतकर्ता महिला और उसके पिता ने आरोपी रघुनाथ लोखंडे से इस बारे में पूछताछ की. तब आरोपी रघुनाथ लोखंडे ने विश्वास दिलाया कि, केस डालने वाले व्यक्ति को 1 लाख रुपए देकर चेक वापस ले आता हूं. मगर हकीकत में रघुनाथ ने ऐसा कुछ भी नहीं किया. तब अदालत ने पकडवारंट जारी किया. इस बात से चिंता में डूबे महिला के पिता ने 11 अगस्त 2022 को फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली. इस शिकायत के आधार पर पुलिस ने विश्वासघात कर आत्महत्या के लिए प्रेरित करने और आर्थिक धोखाधडी करने के मामले में आरोपी रघुनाथ के खिलाफ धारा 306, 406 के तहत अपराध दर्ज कर कार्रवाई शुरु की है.