विदर्भ

मोटरसाइकिल पर 100 किलोमीटर यात्रा कर पिता की बचाई जान

लकवा मारे पिता को वक्त पर मिला उपचार

औरंगाबाद/ दि. 5 औरंगाबाद जिले के नागर निवासी किसान पिता को अचानक लकवा मार गया. मगर हिम्मतवाली आरती ने न घबराते हुए मोटरसाइकिल पर पिता को बिठाकर पिछे मां को कडक पकडने लगाया ओैर ओैट्रम हार्ट जैसे खतरनाक रास्ते पर उसने करीब 100 किलोमीटर की दूरी पार की. उसके बाद औरंगाबाद के अस्पताल में भर्ती कराया. आरती ने वक्त पर बताई सतर्कता के चलते पिता की जान बच गई. आरती की इस हिम्मत की सभी ओर प्रशंसा की जा रही है.
नागद से करीब रहने वाले जलगांव जिले के चालिसगांव तहसील अंतर्गत जामडी के किसान संजय परदेशी को दो बेटियां है. बडी बेटी का विवाह हो गया. उसके कारण घर में अब उनकी पत्नी व बेटी आरती यह तीनों ही रहते है. आरती राष्ट्रीय उच्च माध्यमिक विद्यालय में कक्षा 12 वीं की छात्र है. चार दिन पूर्व संजय परदेशी को लकवे का झटका आया. इसके कारण पत्नी व आरती चिंतीत हो गए. उन्हें तत्काल अस्पताल ले जाने की जरुत होने और वाहन की व्यवस्था न होने के कारण आरती ने मोटरसाइकिल पर पिता को ले जाने का निर्णय लिया. उसने तत्काल पिता को मोटरसाइकिल पर बिठाकर मां को पिता को कडक पकडकर बैठने के लिए कहा और फिर औरंगाबाद के लिए यात्रा शुरु की. जामडी से औरंगाबाद की दुरी करीब 100 किलोमीटर है और रास्ता भी काफी खराब है. ऐसे में बीमार पिता के साथ ट्रीपल सिट यात्रा करना आसान नहीं था. आरती ने हिम्मत न हारते हुए साडे तीन घंटे में औरंगाबाद का रास्ता तय किया. वहां निजी अस्पताल में पिता को भर्ती कराया. समय पर इलाज होने के कारण पिता की जान बची, ऐसा डॉक्टर ने कहा. आरती ने दिखाई हिम्मत को लेकर राष्ट्रीय विद्यालय में आरती का सत्कार किया. इस समय संस्था सचिव अर्जुन पाटील, प्राचार्य बी.एस.सालवे, बी.टी.जगताप, पी.एन.पवार, शेखर पाटील, प्रशांत पाटील, चव्हाण, गायकवाड, दिप्ती पाटील आदि उपस्थित थे.

रास्ते में 8 किलोमीटर का औट्रम घाट
आरती व उसकी मां ने बीमार पिता को मोटरसाइकिल पर बीच में बिठाकर यात्रा शुरु की. तब रास्ते में तबीयत और ज्यादा बिगड गई. तब आरती ने मां को कडक पकडकर बैठने को कहा. रास्ते में घराव व 8 किलोमीटर का नागत घाट ट्रीपल सिट यात्रा काफी खतरनाक था. फिर भी न डगमगाते हुए उसने पिता को सुरक्षित अस्पताल पहुंचाया.

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