विदर्भ

14783 शालाएं बंद होने की आशंका

पटसंख्या 20 से कम

* समूह कल्पना घातक
नागपुर/दि.23– प्रदेश के देहात और दुर्गम भागों की 14783 शालाएं बंद किए जाने की आशंका शिक्षा महकमे में व्यक्त की जा रही है. जानकारों का आरोप है कि सरकार ने इन शालाओं कों बंद करने का षडयंत्र रचा है. शिक्षक भारती के प्रमुख कार्यवाहक जालींदर सरोदे ने आशंका जताई कि लडकियों की पढाई विशेष रुप से प्रभावित हो सकती है. समूह शाला विकसित करने के निर्देश उपमुख्यमंत्री के साथ हुई बैठक में दिए गए थे.
* 1 लाख 85 हजार विद्यार्थी
प्रदेश में 20 से कम पटसंख्या रहनेवाली शालाओं में 1 लाख 85 हजार विद्यार्थी पढ रहे हैं. 29707 अध्यापक कार्यरत हैं. दुर्गम भागों में बस्तियों पर रहनेवाले विद्यार्थियों तक शिक्षा भागीरथी पहुंचाने सरकार ने यह शालाएं शुरु की थी. नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति ने समूह शाला की कल्पना सामने लाई है. शिक्षा आयुक्त ने इस बारे में पत्र जारी किया है.
* मुख्याध्यापक संघ का कहना
माध्यमिक शाला मुख्याध्यापक संघ के प्रवक्ता महेंद्र गणपुले ने कहा कि पहले भी ऐसी कोशिश हुई थी. अब प्रक्रिया पूर्ण रुप से लागू की जा रही है. सरकार को यह निर्णय रद्द करना चाहिए. उन्होंने दावा किया कि पहले के शिक्षाविदों ने सभी को शिक्षा देने के उद्देश्य से बस्तियों की शालाएं शुरु की थी. कक्षा 4थी तक विद्यार्थियों को 1 किमी के दायरे में और हाईस्कूल के विद्यार्थियों को 3 किमी के परिसर में शाला उपलब्ध करने का निर्णय था.
* 20 से कम पटसंख्या की शालाएं
पटसंख्या            शाला संख्या    विद्यार्थी
1 से 5                    1734         6105
6 से 10                  3137        25548
10 से 20                9912       153418
कुल                  14787      185467
* कैसे हैं मापदंड
– समूह शाला कम पटसंख्या की शाला से मध्यवर्ती रहनी चाहिए.
– एकत्र शालाओं का प्रवास 40 मिनट से कम होना चाहिए.
– समूह शाला में प्रत्येक कक्षा के लिए अलग कमरा, वाचनालय, प्रयोगशाला, संगणक कक्ष, कला व संगीत कक्ष, खेल का मैदान उपलब्ध करना है.
– प्रत्येक कक्षा के लिए स्वतंत्र अध्यापक और विषयतज्ञ.
– नि:शुल्क शालेय बस सुविधा देनी होगी.
– 18 मूलभुत सुविधाएं रहनी चाहिए.

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