विदर्भ

हाईकोर्ट में 1 अप्रैल से अंतिम सुनवाई

राज्य के प्रस्ताव पर केंद्र ने नहीं की कार्रवाई

नागपुर/ दि. 29- विदर्भ वैधानिक विकास मंडल को लेकर बॉम्बे हाईकोर्ट की नागपुर खंडपीठ में 1 अप्रैल से अंतिम सुनवाई होगी. विदर्भ के समग्र विकास के साथ-साथ बैकलॉग की निगरानी के लिए स्थापित विदर्भ वैधानिक विकास मंडल का कार्यकाल 30 अप्रैल 2020 को समाप्त हो गया है. मंडल की समय सीमा बढाने के लिए विदर्भ समर्थक नितिन रोंघे की याचिका पर शुक्रवार को कोर्ट में सुनवाई हुई.
कोर्ट में सुनवाई के दौरान रोंघे के वकील फिरदोस मिर्जा ने कहा कि वैधानिक मंडल का कार्यकाल बढाने के लिए राज्य सरकार ने केंद्र को प्रस्ताव भेजा है. इस पर केन्द्र सरकार ने कार्रवाई करने का कोर्ट को आश्वासन दिया था. लेकिन पिछले एक वर्ष से केन्द्र सरकार ने कार्रवाई करने का कोर्ट को आश्वासन दिया था, लेकिन पिछले एक वर्ष से केन्द्र सरकार ने इस प्रस्ताव पर कोई कार्रवाई नहीं की है. इस याचिका पर पहले भी हुई सुनवाई में विदर्भ वैधानिक मंडल का कार्यकाल बढाने का प्रस्ताव राष्ट्रपति के पास भेजने का अधिकार विधानमंडल का है या प्रशासनिक दायरे में है ? इस सवाल को लेकर सभी पक्षों की दलीले पूरी होने के बाद कोर्ट ने अपना फैसला सुरक्षित रखा था. लेकिन अब याचिका दूसरी पीठ के समक्ष होने के कारण इस मामले पर अब फिर से अंतिम सुनवाई होगी. कोर्ट ने भी केंद्र सरकार को आखरी मौका देते हुए राज्य के प्रस्ताव पर निर्णय लेने के आदेश दिए थे. केंद्र सरकार ने भी पत्र द्बारा हाई कोर्ट में जानकारी दी थी वह जल्द ही कार्रवाई करेंगे. लेकिन इस वर्ष में मंडल की समय सीमा बढाने को लेकर केन्द्र सरकार ने कोई कार्रवाई नहीं की है.
* 4 वर्षो से मंडल का काम नहीं
विदर्भ वैधानिक विकास मंडल का कार्यकाल बढाने के लिए राज्य सरकार द्बारा भेजा गया प्रस्ताव केन्द्र सरकार के पास 2 वर्ष से प्रलंबित है और पिछले 4 वर्षो से यह मंडल काम नहीं कर रहा है. यह मुद्दा ीाी पहले हाईकोर्ट में चर्चा में आया था.

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