विदर्भ

आर्थिक सहायता के लिए खोजे प्रावधान !

अदालत के आदेश : नायलॉन मांजे के कारण हुई थी वेद साहू की मृत्यु

नागपुर/ दि. 19– नायलॉन मांजे के कारण गला कटने से स्थानीय जरीपटका मिसाल लेआउट निवासी वेद कृष्णा साहू की हुई मृत्यु मामले में पालको को आर्थिक सहायता करते हो क्या? इसके लिए राज्य सरकार को प्रावधान खोजने के निर्देश मुंबई उच्च न्यायालय की नागपुर खंडपीठ ने लिए है.
नायलॉन मांजा प्रकरण में उच्च न्यायालय में जनहित याचिका प्रलंबित है. इस पर बुधवार को न्यायमूर्ति एस. एस. चांदुरकर और न्यायमूर्ति वृषाली जोशी की बेंच के सामने सुनवाई हुई. इस अवसर पर न्यायालय मित्र एड. देवेन्द्र चव्हाण ने वेद साहू के मृत्यु का मामला रखा. वेद यह महात्मा गांधी स्कूल में कक्षा पांचवी में पडता था. 14 जनवरी को नायलॉन मांजे के कारण उसका गला कट गया और मृत्यु हो गई. उसके पालको को नुकसान भरपाई के रूप में आर्थिक सहायता देने और यह जिम्मेदारी राज्य सरकार की है. ऐसा अनुरोध उन्होंने किया. इस पर किस निधि से यह सहायता की जा सकती है. इसकी जानकारी राज्य सरकार को देने के निर्देश अदालत ने दिए. साथ ही न्यायालय मित्र देवेन्द्र चव्हाण ने नायलॉन मांजे के विरोध की जिलास्तरीय समिति वर्षभर के लिए सक्रिय रखने की भी मांग इस अवसर पर की.
मकर संक्राति भले ही हो गई हो. लेकिन नायलॉन मांजे के इस्तेमाल पर कायमस्वरूप पाबंदी है. सार्वजनिक शांतता व सुरक्षितता अबाधित रखने के लिए तथा कानून व सुव्यवस्था रखने की दृष्टि से जिला दंडाधिकारी डॉ. विपिन इटनकर ने फिर से कानून की याद दिलाते हुए नियमों का पालन करने का आवाहन किया. अनेक लोग 31 जनवरी तक पतंग उडाते है. इस कारण प्रशासन का वॉच रहनेवाला है. दोषियों पर कडी कार्रवाई करने की चेतावनी भी उन्होंने दी. फौजदारी प्रक्रिया संहिता 1973 की धारा 144 के तहत मकर संक्राति की कालावधि के बाद भी नागरिक व व्यवसायी को नायलॉन बिक्री, उसे रखना और इस्तेमाल करने तथा नायलॉन मांजा व प्रतिबंधित साहित्य की ऑनलाइन ई-कॉमर्स वेबसाइट के जरिए आपूर्ति, नायलॉन मांजा कुरियर के जरिए यातायात करने पर पाबंदी रहने की जानकारी जिलाधिकारी ने दी.

* पेड खंबों पर अटका मांजा निकालें- मनपा
इस्तेमाल पर पाबंदी के बावजूद उल्लघंन कर पतंगबाजों द्बारा नायलॉन मांजा का खुलेआम इस्तेमाल किया गया. इस दौरान अनेक स्थानों पर पेड, इमारत, बिजली के खंबे, तार पर मांजा अटका दिखाई दे रहा है. यह मांजा नागरिको के साथ पक्षियों के लिए भी घातक हैं. अटके हुए इस मांजे के कारण होनेवाले अनर्थ को टालने के लिए नागरिको को इस संबंध में जानकारी मनपा के 8600004746 क्रमांक के वॉट्सएप पर भेजने का आवाहन मनपा के घनकचरा व्यवस्थापन विभाग ने किया है. साथ ही संभव हो तो नागरिक अथवा स्वयंसेवी संस्था यह मांजा निकालकर मनपा को सुपुर्द करने का अनुरोध भी किया गया है.

* दिल्ली के जैसी अधिसूचना निकाले
इस जनहित याचिका की सुनवाई के दौरान राज्य सरकार द्बारा नायलॉन मांजा पर पाबंदी लगाने की जानकारी न्यायालय में दी गई थी. लेकिन इस बाबत अधिसूचना अथवा आदेश निकाला होतो दस्तावेज के साथ प्रस्तुत करने के निर्देश अदालत ने इस अवसर पर दिए. तब दिल्ली ने इस बाबत निकाली अधिसूचना की जानकारी एड. देवेन्द्र चव्हाण ने अदालत को दी. इसी तरह की अधिसूचना निकाली जा सकती है क्या? इस बाबत जवाब प्रस्तुत करने के आदेश अदालत ने दिए.

* इस वर्ष की घटना
– 16 जनवरी : गली नं. 10, नंदनवन झोपडपट्टी परिसर के तनिष्क मुकेश भाटी (12) नामक बालक साइकिल से जा रहा था. तब नायलॉन मांजे के कारण गला चीरने से वह घायल हो गया.
– 16 जनवरी : कोराडी के एक शालेय कर्मचारी का गला चीरने से वह घायल हुआ.
– 14 जनवरी : जरीपटका परिसर के वेद साहू का गला नायलॉन मांजा से चीरने से उसकी मृत्यु हुई.

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