बलात्कार मामले में एफआईआर, अभियोगपत्र आखिर रद्द
हाईकोर्ट का निर्णय, आरोपी करेगा फरियादी के साथ विवाह

नागपुर/प्रतिनिधि दि.१० – मुंबई हाईकोर्ट की नागपुर खंडपीठ ने विविध कानूनी मुद्दे ध्यान में लेते हुए एक बलात्कार मामले का एफआईआर, अभियोेगपत्र व प्रलंबित मुकदमा रद्द किया है. न्यायमूर्तिव्दय विनय देशपांडे व अमित बोरकर ने यह निर्णय लिया है. आरोपी व फरियादी ने समझौता कर इसके लिए हाईकोर्ट में अर्जी दाखिल की थी.
मनसर स्थित राजू व नागपुर निवासी जुही (काल्पनिक नाम) के एक दुसरे पर प्रेम था. उन्होंने विवाह करने का निश्चय किया था. इस बीच उन्होंने सहमति से बार बार शारीरिक संबंध रखे. कुछ महिने बाद जुही ने विवाह का आग्रह करने के बाद राजू पलट गया. वह जुही को टालने लगा. उसने विवाह करने से इंकार किया. इस कारण जुही ने 17 फरवरी 2021 को रामटेक पुलिस थाने में राजू के खिलाफ बलात्कार की शिकायत दी. राजू ने विवाह करने का वचन देकर जबरन बलात्कार किया, इस तरह का आरोप उसने किया. उसपर राजू के खिलाफ एफआईआर दर्ज किया गया था. पुलिस ने मामले की जांच पूर्ण कर 22 अप्रैल 2021 को राजू के खिलाफ न्यायालय में अभियोगपत्र दाखिल किया था. यह मुकदमा प्रलंबित रहते समय राजू भी जुही के साथ विवाह करने के लिए तैयार हुआ. जुही ने भी विवाद खत्म किया. पश्चात उन्होंने मुकदमा रद्द करने के लिए हाईकोर्ट में संयुक्त अर्जी दाखल की थी. वह अर्जी मंजूर की गई है.
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आवश्यक सबूतों का अभाव
बलात्कार का मामला सिध्द होने के लिए आवश्यक रहने वाले सबूतों का अभाव दिखाई देने से हाईकोर्ट ने यह निर्णय दिया है. यह निर्णय देते समय सुप्रीम कोर्ट के नरिंदर सिंग व अन्य मामला का निर्णय विचार में लिया गया. राजू का रिश्ते की शुरुआत से ही जुही के साथ विवाह करने का विचार नहीं था. इस बाबत अभियोग पक्ष ने रिकॉर्ड पर ठोस सबूत पेश नहीं किये. केवल विवाह का वचन मोडने से बलात्कार का अपराध सिध्द नहीं होता ऐसा निर्णय में स्पष्ट किया गया है.