नागपुर-/दि.9 सर्वसामान्य ग्राहक, किसान और उद्यमियों की श्वास बने महाराष्ट्र के बिजली उद्योग का निजी कंपनियों को देना शुरु हो गया हैं. महानिर्मिती के प्रकल्प की देखभाल तथा मरम्मत का काम ठेके पर देने का सिलसिला शुुरु रहते अदानी को मुंबई और आसपास के 5 लाख से अधिक बिजली उपभोक्ताओं को बिजली आपूर्ति का लाइसेंस देने की प्रक्रिया शुुरु रहने की जानकारी मिल रही हैं. पहले ही चरण में ऐसे क्षेत्र प्राइवेट कंपनी को दिए जा रहे जहां राजस्व का उच्चांक हैं. उसी प्रकार कृषि ग्राहक नहीं समान हैं. अब देखना होगा कि इस कदम के विरुद्ध कौन आवाज बुलंद करता हैं. हालांकि बिजली अधिकारी अभियंता कर्मचारी संघर्ष समिति के पदाधिकारियों ने सरकार के निर्णय के खिलाफ आवाज उठाना आरंभ किया हैं. कहीं यह नक्कारखाने में तूती न सिद्ध हो.
कोकण क्षेत्र का जिम्मा
पता चला है कि अदानी इलेक्ट्रीकल को महाराष्ट्र सरकार 1 हजार करोड का राजस्व प्राप्त करने वाले 5 लाख ग्राहकों की बिजली आपूर्ति का काम दे रही हैं. यह जिम्मेदारी अदानी कंपनी को मुंबई के मुलूंड, भांडूप, ठाणे, नवी मुंंबई, रायगढ के पनवेल, उरण और तलोजा क्षेत्र में दी जाने की कानूनन प्रक्रिया शुरु हैं. यह भी बताया गया कि, अदानी इलेक्ट्रीकल का मुख्यालय गुजरात में हैं. जिसने महाराष्ट्र मेें महावितरण के समानांतर ऐसी नई कंपनी स्थापित की हैं.
महावितरण को 135 करोड का लाभ
महावितरण एशिया की सबसे बडी और अत्यंत कार्यक्षम कंपनी मानी जाती हैं. केंद्र सरकार ने अनेक अवसरों पर कंपनी को कई पुरस्कार से नवाजा हैं. 2021-22 में महावितरण ने 135 करोड रुपए मुनाफा कमाया हैं. इतने सब के बावजूद उच्च राजस्व वाले क्षेत्र में बिजली का दारोमदार अदानी की कंपनी को दिया जा रहा हैं. आरोप हो रहा है कि चरण दर चरण प्रदेश के उर्जा विभाग का निजीकरण हो रहा हैं. अब विपक्ष क्या और कितना मुद्दा उठाता है यह देखने वाली बात होगी.