पहले पुलिस द्वारा बल का इस्तेमाल, फिर सीएम द्वारा बुलावा
नागपुर /दि. 13– एनसीपी (शरद पवार गुट) के विधायक रोहित पवार की युवा संघर्ष यात्रा से नागपुर का शितकालीन अधिवेशन में खलबली मच गई. विधान भवन की तरफ जानेवाले कार्यकर्ताओं पर पुलिस ने बल का इस्तेमाल किया रहने से रोहित पवार संतप्त हो गए. लेकिन बाद में मुख्यमंत्री की तरफ से उन्हें चर्चा के लिए बुलाया गया. यह किस वजह से घटित हुआ, इस बाबत राजनीतिक क्षेत्र में जोरदार चर्चा चल रही है.
नागपुर शितकालीन अधिवेशन हमेशा की तरह इस बार भी राजनीतिक घटनाक्रमो के कारण चर्चा में है. मंगलवार को राष्ट्रवादी के अध्यक्ष शरद पवार, शिवसेना पार्टी प्रमुख उद्धव ठाकरे आदि दिग्गज नेता नागपुर में थे. इस कारण पुरा दिन राजनीतिक वातावरण गरमाया हुआ था. उसी रात विधायक रोहित पवार की युवा संघर्ष यात्रा पर पुलिस ने बलप्रयोग किया. रोहित पवार को महत्व नहीं देने के कारण से सत्तारुढ ने मोर्चे की तरफ अनदेखी की, ऐसा संदेश इसके जरिए गया. लेकिन रोहित पवार आक्रामक हो गए. पुलिस ने उन्हें कब्जे में लिया, लेकिन बाद में चित्र अचानक बदल गया. जिस सरकार ने शुरुआत में बल का इस्तेमाल किया, उसी सरकार के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने रोहित पवार को चर्चा के लिए बुलावा भेजा. रोहित और उनके सहयोगी सीएम एकनाथ शिंदे से मिलने गए. इसमें चर्चा क्या हुई यह पता नहीं चल पाया. लेकिन मुख्यमंत्री द्वारा रोहित पवार को मुलाकात के लिए बुलाने पर अनेक राजनीतिक अर्थ निकाले जा रहे है.