विदर्भ

रेमडेसिविर की कालाबाजारी करने वाले वॉर्ड बॉय को पांच वर्ष की सजा

सत्र न्यायालय का निर्णय

नागपुर/दि.4 – कोरोना पर उपयोगी साबित होने वाले रेमडेसिविर इंजेक्शन की कालाबाजारी करने वाले वॉर्ड बॉय शेख आरीफ शेख रफीक (22) को सत्र न्यायालय ने सोमवार को भादवि की धारा 381 अंतर्गत 5 वर्ष सश्रम कारावास व 5 हजार रुपए जुर्माना तथा जुर्माना न भरने पर 6 माह अतिरिक्त कारावास की सजा सुनाई.
बावजूद इसके आरोपी को भादवि की धारा 420 अंतर्गत 2 वर्ष, तो जीवनावश्यक वस्तु कानून की दफा 7 तथा औषधि कानून की धारा 27 (ड) अंतर्गत प्रत्येकी एक वर्ष सश्रम कारावास की सजा सुनाई है. वहीं पहले दो दफाओं में प्रत्येकी 5 हजार रुपए, तो तीसरी दफा अंतर्गत 20 हजार रुपए जुर्माना ठोका गया है. जुर्माना न भरने पर आरोपी को प्रत्येक जुर्माने के लिये 6 माह अतिरिक्त कारावास की सजा काटनी पड़ेगी. ऐसा निर्णय में स्पष्ट किया गया है. आरोपी 24 अप्रैल 2021 से जेल में होने के साथ ही उसे जेल की सभी सजा एक साथ ही काटनी है. अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश पी. बी. घुगे ने यह फैसला सुनाया. आरोपी तेलीपुरा, शांतिनगर का निवासी होकर वह होप हॉस्पीटल मे वॉर्ड बॉय था. सरकार की ओर से एड. ज्योती वजानी ने कामकाज देखा.

… ऐसी पकड़ी गई चोरी

शेख आरीफ यह होप हॉस्पिटल में फार्मसी के रेमडिसिवर व अन्य महत्वपूर्ण इंजेक्शन चोरी कर कोरोना मरीज व संबंधितों को बेचता था. हॉस्पिटल प्रशासन को कोरोना के इंजेक्शन का संचयन कम दिखाई देने से उन्होंने कर्मचारियों पर ध्यान देना शुरु किया था. जिसके अनुसार 23 अप्रैल 2021 को आरोपी की बैग की जांच करने के बाद उसमें दो रेमडिसिवर, चार पेंटॅप्राझोल व प्रत्येकी एक मेरोपेनीम, पेप्रोसेलीन व सुसीनेक्स इंजेक्शन पाये गये. जिससे आरोपी के खिलाफ पाचपावली पुलिस थाने में शिकायत दर्ज की गई.

दस दिनों में दूसरी सजा

रेमडेसिविर इंजेक्शन की कालाबाजारी मामले में दस दिनों में यह दूसरी सजा है. इससे पूर्व गत 23 जुलाई को मुख्य न्यायदंडाधिकारी न्यायालय ने वॉड्र बॉय महेन्द्र रतनलाल रंगारी (28) को तीन वर्ष सश्रम कारावास की सजा सुनाई थी. दिघोरी नाका, हुडकेश्वर निवासी यह आरोपी क्रीड़ा चौक के ओजस कोविड सेंटर में कार्यरत था.

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