विदर्भ

कोई गलती हुई हो तो माफ करे लेकिन बिजली बिल का भुगतान करे

उर्जामंत्री नितिन राउत का आवाहन

नागपुर प्रतिनिधि/ दि.६ –बिजली ग्राहक यह हमारे भगवान है. यदि कुछ गलती हुई हो तो क्षमा मांगता हूॅ. लेकिन ग्राहक कृपया बिजली बिल का भुगतान करे. उक्त आशय का आवाहन उर्जामंत्री नितिन राउत ने पत्र परिषद में किया. इस समय राउत ने भाजपा पर जमकर निशाना साधा.
उर्जामंत्री राउत ने कहा कि जनता का भाजपा के प्रति जो विश्वास बना हुआ था वह अब दूर होता जा रहा है. अपना अस्तित्व बरकरार रखने के लिए दौड भाग की जा रही है. केन्द्र सरकार किसान मुद्दो पर कोई भी बात नहीं कर रही है. हाल ही के बजट में भी जनता को निराशा ही झेलनी पडी है. इससे ध्यान भटकाने के लिए भाजपा आंदोलन कर रही है. आंदोलन यदि करना ही है तो उन्होंने केन्द्र सरकार के खिलाफ करना चाहिए. गैस के दाम 25 रूपये से बढ गये है. वही पेट्रोल, डीजल के बढती दरों से आम लोगों की कमर टूट रही है. मोदी सरकार ने हाल ही में देश का आर्थिक बजट पेश किया. इसमें विविध राज्यों के बिजली वितरण क्षेत्र निजी कंपनी को सौंपने का प्रारूप तैयार करने की घोषणा की गई है. इस प्रस्ताव का महाविकास आघाडी सरकार ने विरोध जताया है. इससे पूर्व राज्य के अधिकारों को छिननेवाले और संघ राज्य प्रणाली को तोडनेवाले विद्युत विधेयक भी मोदी सरकार ने लाया था. जिसका विरोध भी महाविकास आघाडी सरकार ने जताया. महाविकास आघाडी सरकार केन्द्र सरकार की अडियल नीति का विरोध कर रही है . इसलिए भाजपा ने महाविकास आघाडी सरकार के खिलाफ आंदोलन शुरू किया है. हल्लाबोल आंदोलन बिजली बिल के खिलाफ होने का दावा भाजपा कर रही है. लेकिन असल बात महावितरण को निवेशको के हाथों सौंपने की कोेशिश की जा रही है. महावितरण को आर्थिक परेशानियों में लाने व निजीकरण करने का प्रयास भाजपा का था. फडणवीस सरकार जब सत्ता में थी तब महावितरण को संकट में धकेलने का काम भाजपा ने किया था. यह आंदोलन अपनी करतूतों को छिपाने का प्रयास है.

  • उद्योजको को बिजली सहूलियत देना अचानक बंद

विदर्भ मराठवाडा के उद्योजको को दी जानेवाली बिजली शुल्क की सहूलियत महावितरण ने अचानक बंद कर दी है. जिससे विदर्भ के उद्योजको में रोष निर्माण हुआ है. सहूलियत बंद होने से पहले ही संकट का सामना कर रहे उद्योग बंद पडने का भी भय भी व्यक्त किया जा रहा है. नये उद्योग लाकर रोजगार को बढावा देने की दृष्टि से विदर्भ, मराठवाडा के उद्योगों को वर्ष 2013 से 2019 बिजली शुल्क माफी की सहूलियत की घोषणा राजय सरकार ने की थी. इसकेे लिए 1200 करोड का बजट में प्रावधान भी किया गया. इसके बाद के चरण को 5 साल की अवधि बढाकर दी गई थी. जिसके अनुसार दोनों विभागों के उद्योजको को बिजली शुल्क माफी की सहूलियत मिलना अनिवार्य था. लेकिन फरवरी माह में भेजे गये बिल से सहूलियत को अचानक बंद कर दिया गया. जिससे उद्योजको में रोष निर्माण हुआ है.

Related Articles

Back to top button