विदर्भ

मोर्शी में डेंग्यू सदृश्य बीमारी से चार की मौत

मोर्शी/दि.28 – वहीं दूसरी ओर इन दिनों अमरावती महानगर के साथ-साथ जिले के ग्रामीण इलाकों में भी डेंग्यू व चिकनगुनिया जैसी संक्रामक बीमारियों ने पांव फैलाना शुरू कर दिया है. जिसके तहत तिवसा सहित मोर्शी क्षेत्र भी अब डेंग्यू के मकडजाल में फंसा दिखाई दे रहा है. साथ ही पता चला है कि, विगत एक माह के दौरान मोर्शी क्षेत्र में चार छात्रों की मौत हुई है. एक के बाद एक चार बच्चों की डेंग्यू संक्रमण के चलते मौत होने से तहसील में भय के साथ खलबली मच गई है. इसके बाद भी प्रशासन द्वारा मामले को गंभीरता से नहीं लेने पर तीव्र असंतोष व्याप्त है.
पिछले कुछ समय से तहसील में कोरोना मरीजों की संख्या में कमी आई है. इससे लोगों ने राहत की सांस ली है, लेकिन ग्रामीण क्षेत्र में डेंगू के सिर उठाने से लोगों में भय है. पांच से तीस साल के बच्चों को बुखार आकर शरीर के प्लेटलेट्स कम हो रहे हैं. इससे उन्हें शहर के बडे अस्पतालों में भरती कराना पड रहा है. शहर में सर्वत्र गंदगी का आलम है.
इन दिनों स्वास्थ्य के लिहाज से मौसम भी तकलीफदेह साबित हो रहा है. डॉक्टरोें के मुताबिक मौसम में बदलाव के कारण बीमारियां बढ रही हैं. बारिश की बजाय भीषण गर्मी लोगों को त्रस्त कर रही है. इतना होने के बाद भी साफ-सफाई के मामले में नगर परिषद प्रशासन उदासीन है.

इन चार की हुई मौत

तहसील में चार बच्चों की मौत हुई. 19 जुलाई को मोर्शी के रामजीबाबा क्षेत्र के सर्वेश दिनेश महल्ले (14), रूक्मिणी नगर के मयूर शैलेंद्र चोरे (22), पेपठपुरा की गौरी प्रवीण मोथरकर (15) तथा 22 वर्षीय सौरभ दंडाले की डेंगू के कारण मौत होने की चर्चा है. इससे क्षेत्रवासियों में भय व्याप्त है. डेंगू कितनी जिंदगियां निगलने के बाद नगर परिषद प्रशासन कदम उठाएगा, ऐसा सवाल नागरिकों द्वारा किया जा रहा है. कोरोना के कारण शहर के घोरमाडे परिवार के तीन सदस्यों की मौत के अलावा अन्य युवकों की मौत के कारण पहले ही शहर में दहशत थी. ऐसे में अब डेंगू के पांव फैलाने और लोगों की मौत होने से लोगों में भय व्याप्त है.

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