विदर्भ

नव वर्ष में चार ग्रहण, 11 उल्का वर्षाव

2023 में सुपरमून, मायक्रोमून, ग्रहों की युती-प्रतियुती खगोलीय घटना

नागपुर/दि.27– नव 2023 वर्ष अनेक खगोलीय घटनाओं ने रंजक साबित होने वाला है. इस वर्ष में घटने वाली महत्वपूर्ण खगोलीय घटनाओं में चार ग्रहण होंगे. जिसमें 2 सूर्यग्रहण एवं दो चंद्रग्रहण, 11 उल्का वर्षाव, सुपरमून, मायक्रोमून, ग्रहों की युती-प्रतियुती, अयन एवं विषुव दिन, कुछ धूमकेतु, पृथ्वी के करीब से जाने वाले धोकादायक उल्का एवं इस्त्रो के आगामी वर्ष की अवकाशीय मोहिमे ऐसी काफी घटनाओं का समावेश होगा. विद्यार्थी एवं खगोल प्रेमी नागरिकों को किसी भी प्रकार की अंधश्रद्धा न रखते हुए वैज्ञानिक दृष्टिकोण से इन सभी खगोलीय घटनाओं का निरीक्षण कर उनका अनुभव लेने का आवाहन स्काय वॉच ग्रुप की ओर से किया गया है.
आकाश की अत्यंत नयनरम्य घटना यानि ग्रहण. प्रति वर्ष कम से कम चार ग्रहण होेते हैं. जिनमें दो सूर्यग्रहण एवं चार चंद्रग्रहण होते हैं. इस वर्ष भी अनेक देशों से दो सूर्य ग्रहण एवं दो चंद्रग्रहण दिखाई देने वाले हैं. भारत से सिर्फ 5 से 6 मई का छायाकल्प चंद्रग्रहण एवं 28-29 अक्तूबर का खंडग्रास चंद्रग्रहण दिखाई देगा. सैकड़ों धूमकेतू आकाश में है. जिनमें से केवल कुछ ही धूमकेतू आंखों से दिखाई देंगे. वहीं कुछ द्विनेत्री एवं दुर्बिन से दिखाई दे सकेंगे. दूर के धूमकेतु को देखने के लिए दुर्बिन की आवश्यकता होती है. लेकिन पृथ्वी के करीब आने वाले धूमकेतू फिलहाल आंखों से अच्छी तरह से दिखाई देते हैं.
इस वर्ष में सालभर में 11 उल्का वर्षा होगी. यह रात के समय आकाश की आकर्षक घटना होती है. पृथ्वी के करीब से गये धूमकेतु या लघु ग्रहों की धुल के कारण उल्ला वर्षा होती है. प्रति वर्ष होने वाले यह उल्का वर्षाव स्पष्ट दिखाई ही नहीं दिये. लेकिन जितने उल्का दिखाई देंगे, वे मनोहारी दिखाई देते हैं. उल्का को देखने केलिए छत पर लेटकर देखने पर अधिक स्पष्ट दिखाई दे सकते हैं. ऐसा पर्यावरण अभ्यासक प्रा. सुरेश चोपणे का कहना है.

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