विदर्भ

एक ही व्यक्ति को चार संस्था का ठेका

सामाजिक न्याय विभाग के सचिव की मनमानी

नागपुर/दि.20- राज्य के सामाजिक न्याय व विशेष सहाय्य विभाग को वर्तमान में स्वतंत्र मंत्री न रहने का लाभ लेते हुए विभाग के सचिव सुमंत भांगे द्वारा मनमाने तरीके से कामकाज किया जाता रहने का आरोप किया जा रहा है. 36 करोड़ के पुस्तक घोटाले के बाद अब अनुसूचित जाति की संस्थाओं को प्रशिक्षण के लिए प्राथमिकता देने की शर्त रद्द कर भाजपा विधायक के निकट रहने वाले एक व्यक्ति को बार्टी की तरफ से तीन अलग-अलग नाम से रही संस्था का ठेका दिए जाने की जानकारी सामने आई है. लेकिन सचिव भांगे ने यह आरोप खारिज किया है.
डॉ. बाबासाहब आंबेडकर व प्रशिक्षण संस्था (बार्टी) की तरफ से आइबीपीएस प्रशिक्षण के लिए चार संस्थाओं को ठेका दिया गया. इसमें अमरावती, अकोला और बुलढाणा की तीन प्रशिक्षण संस्थाओं का समावेश है. इन तीनों संस्थाओं के विज्ञापन घोषित हुए हैं. इसमें संस्था प्रमुख के रुप में एक ही व्यक्ति का नाम और फोटो है. संबंधित व्यक्ति भाजपा विधायक के निकट का रहने का आरोप शिकायत में किया गया है. बार्टी यह स्वायत्त संस्था रहते हुए भी इनमें हस्तक्षेप कर सचिव ने नियमबाह्य तरीके से इस संस्था को ठेका देने का आरोप किया गया है. इस संदर्भ में मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे को निवेदन देते हुए जांच करने की मांग की गई है.
आपत्ति क्या?
बार्टी के कानून की धारा 46 के मुताबिक प्रशिक्षण के लिए पिछड़ा वर्गीय संस्था को प्राथमिकता देने की शर्त रहते हुए भी उसे रद्द कर अन्य प्रवर्ग की संस्था को ठेका दिया गया. साथ ही मूल कागज पत्र की जांच न करते अथवा प्रत्यक्ष भेंट न देते हुए ऑनलाइन माध्यम से उपलब्ध हुए दस्तावेज के आधार पर इन तीनों संस्थाओं को ठेका दिया गया. इसके अलावा पुलिस भर्ती प्रशिक्षण के लिए मुख्यमंत्री की अनुमति रहने के बावजूद सचिव द्वारा हस्तक्षेप कर निविदा प्रक्रिया रोक कर विद्यार्थियों का नुकसान होता रहने का आरोप है.
यदि आपत्ति हो तो अपील करें
संस्था का चयन करते समय अनुसूचित जाति की संस्था को चार अंक अधिक देते हुए प्राथमिकता दी गई. साथ ही निविदा में सबसे कम दर रहने वाली संस्था को ही ठेका दिया जाता है. इसके मुताबिक ही प्रक्रिया हुई है. किसी को आपत्ति हो तो वह अपील करें.
– धम्मज्योति गजभिये, महाव्यवस्थापक, बार्टी

Related Articles

Back to top button