नागपुर/ दि. 13- रेलवेे में टिकट कलेक्टर के रुप में नौकरी लगाकर देने के नाम पर 33 वर्षीय युवक के साथ ढाई लाख की धोखाधडी करने की घटना जरीपटका पुलिस थाना क्षेत्र में उजागर हुई. इस मामले में पुलिस ने दोनों आरोपियों को गिरफ्तार किया.
प्रशांत नन्ना मारशेट्टीवार (34, सुगत नगर, जरीपटका), ज्योत्सना किशोर देशभ्रतार (45, नागसेन नगर) यह दोनों गिरफ्तार किये गए आरोपियों के नाम है. 7 जून 2018 को अमोल लक्ष्मीकांत साखरे (33, बाबा बुध्दनगर, पाचपावली) को प्रशांत और ज्योत्सना ने रेलवे में पहचान होने की बात बताते हुए बडे पैमाने में जगह उपलब्ध रहने की बात बताई और उनकी कई अधिकारियों के साथ पहचान होने का कहा. उन्होंने कुछ लोगों से उनकी मुलाकात भी कराई. अपनी अच्छी पहचान होने का दिखावा किया. इस समय अमोल को टीसी की नौकरी देने के लिए बडी रकम की मांग की. उसने ढाई लाख रुपए दिये.
इसके बाद अमोल कुछ नियुक्ति पत्र लेकर ज्वाइनिंग के लिए गया. मगर ऐसी कोई भी नियुक्ति नहीं की गई, ऐसी जानकारी उसको मिली. इसके कारण दोनों ने मिलकर उसके साथ धोखाधडी की यह बात उजागर हुई. इसके बाद उसने प्रशांत और ज्योत्सना से संपर्क साधा. उन्होंने रकम वापस देने की बात कबुली, मगर 4 वर्ष में भी रुपए वापस नहीं दिये. तब उसने शिकायत दी. पुलिस ने अपराध दर्ज कर दोनों को गिरफ्तार कर लिया. पुलिस ने जिला व सत्र न्यायालय में दोनों आरोपियों को पेश किया. अदालत ने आगे की तहकीकात के लिए आरोपियों को दो दिन पुलिस कस्टडी में रखने के आदेश दिये है.
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शहर में बडा रैकेट सक्रिय
पिछले कुछ वर्षों से युवाओं को नौकरी लगाने के नाम पर धोखाधडी किये जाने की शिकायतें सामने आ रही है. खास बात यह है कि, पांच माह में मेट्रो और उसके बाद तीन को रेलवे में अभियंता व अन्य जगह नौकरी लगाने के नाम पर धोखाधडी किये जाने की बात सामने आयी है. इसमें रेल विभाग के कुछ अधिकारी व कर्मचारियों का समावेश है, यह गिरोह शहर में सक्रीय है. जरुरतमंद युवाओं को अपने झांसे में फंसाकर कोलकोता और अन्य जगह प्रशिक्षण के लिए भेजने की बात बताई जाती है. गिरोह का पर्दाफाश करने के लिए पुलिस विशेष तहकीकात में जुटी है.