विदर्भ

वाहन खरीददार के साथ धोखाधडी

बैंक में किश्त न भरने पर हुआ पर्दाफाश

  • आरोपियों ने बनाये फर्जी दस्तावेज

नागपुर/दि.७ – एक व्यक्ति ने फायनान्स पर वाहन खरीदा. इसके १ साल बाद दूसरे व्यक्ति को बेच दिया. उस व्यक्ति ने अन्य एक व्यक्ति को वाहन बेच दिया, लेकिन उन दो आरोपियों ने वाहन अपने नाम पर ट्रान्सफर नहीं कराया. जब वाहन फायनान्स कराने वाले व्यक्ति को किश्त जमा कराने के लिए फोन आने लगे तब यह मामला उजागर हुआ. आरोपियों ने वाहन के फर्जी दस्तावेज तक बना डाले थे. इस तरह आरोपियों ने पीडित व्यक्ति के साथ करी ४.८९ लाख रुपए की धोखाधडी की.

इले खान व अरुण मेश्राम यह दोनों आरोपियों के नाम है. प्रफुल्ल राउत की शिकायत पर एमआईडीसी पुलिस ने दोनों आरोपियों के खिलाफ धोखाधडी का अपराध दर्ज किया है. गौरतलब है कि इले खान ने वाहन अपने नाम पर ट्रान्सफर नहीं किया बल्कि उसने प्रफुल्ल को एक स्टैंप पेपर वॉटस्एप किया. जिसमें लिखा गया था कि वाहन इले खान ने कलमना मार्केट निवासी अरुण मेश्राम को १ लाख २० हजार रुपए में बेच दिया है और अरुण ने प्रफुल्ल को १ लाख २० हजार रुपए का चेक एचडीएफसी बैंक शाखा नाका नंबर २ कामटी रोड का दिया. जबकि आरोपी अरुण मेश्राम ने प्रफुल्ल को ऐसा कोई चेक ही नहीं दिया. स्टैंप पेपर पर यह भी लिखा था कि खरीददार दो वर्ष तक किश्त जमा नहीं करेगा.

फायनान्स कराया था वाहन

पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार माउली माता मंदिर के पास जयताला, नागपुर निवासी प्रफुल्ल विजय राउत ने एमआईडीसी पुलिस थाने में धोखाधडी का मामला दर्ज कराया. प्रफुल्ल वाहन चालक है, उसने वर्ष २०१८ में ५० हजार रुपए का डाउन पेमेंट कर सिविल लाइन्स स्थित जायका मोटर्स से टाटा एस वाहन खरीदा था. बकाया रकम सेना मंडल बैंक अंजनी से फायनान्स की थी. हर माह किश्त ११ हजार ५१० की प्रफुल्ल ने लगभग एक वर्ष वाहन चलाया था.

आरोपियों ने किश्त नहीं दी

वर्ष २०१९ में इले खान हुसैन को ६० हजार रुपए में प्रफुल्ल ने इस शर्त पर वाहन बेचा कि आगे की किश्त करीब ४ लाख ८८ हजार ४७८ रुपए वह जमा करायेगा, लेकिन इले खाने ने ऐसा नहीं किया. तब बैंक से जून २०१९ को प्रफुल्ल को फोन आने लगे थे. स्टैंप पेपर पर भी आरोपियों ने प्रफुल्ल के नकली हस्ताक्षर भी किये थे. इतना ही नहीं तो वाहन के फर्जी दस्तावेज तक तैयार कर लिये थे.

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