नागपुर/दि. 21– विदर्भ के ठप पडे सिंचन प्रकल्प और अंबाझरी तलाब के पानी के कारण नागपुर में आई भीषण बाढ के प्रकरण में असंवेदनशील भूमिका लेने के कारण राज्य के मुख्य सचिव मनोज सौनिक को बुधवार को मुंबई उच्च न्यायालय की नागपुर खंडपीठ ने समन्स जारी कर गुरुवार को दोपहर 2.30 बजे न्यायालय में उपस्थित रहकर स्पटीकरण प्रस्तुत करने के निर्देश दिए.
इन दोनों प्रकरणों के संदर्भ में उच्च न्यायालय में जनहित याचिका प्रलंबित है. इस पर न्यायमूर्ति नितिन सांबरे व अभय मंत्री के समक्ष सुनवाई हुई. विदर्भ के ठप सिंचन प्रकल्पों का प्रश्न राज्य सरकार के विविध विभाग से संबंधित है. यह प्रश्न हल करने के लिए सभी विभागों को एक साथ प्रयास करने की आवश्कता है. 18 जुलाई 2023 को न्यायालय ने यह बात ध्यान में रखते हुए राज्य के मुख्य सचिव को इस पर 18 अगस्त 2023 तक शपथपत्र दाखिल करने के आदेश दिए गए थे. तब मुख्य सचिव ने 10 अगस्त को शपथ पत्र दाखिल किया. न्यायालय ने बुधवार को इस प्रतीज्ञापत्र का अवलोकन कर उसमें दी गई जानकारी पर असमाधान व्यक्त किया. इसके अलावा 6 दिसंबर 2023 को न्यायालय ने मुख्य सचिव को अंबाझरी तालाब की सुरक्षा व मजबूतीकरण पर 17 दिसंबर 2023 तक जवाब मांगा था. लेकिन उनकी तरफ से मनपा के अतिरिक्त आयुक्त ने न्यायालय में जवाब प्रस्तुत नहीं किया. इस पर भी न्यायालय ने निराशा व्यक्त कर मनपा के अतिरिक्त आयुक्त को राज्य के मुख्य सचिव की तरफ से प्रतीज्ञापत्र प्रस्तुत करने का अधिकार नहीं है इस ओर ध्यान केंद्रीत किया. साथ ही दोनों प्रकरणों में राज्य सरकार व्दारा न्यायालय के आदेश पर अमल करने के लिए दिखाई गई लापरवाही को गंभीरता से लेकर मुख्य सचिव मनोज सौनिक को समन्स जारी किया.